कई बार पत्र भेजने के बावजूद भी नहीं हो रही किसी प्रकार की कार्यवाही 

काजगों में ही परिषदीय विद्यालयों के परिसर से विद्युत तारों को हटाने की कार्रवाई कई वर्षों शून्य

छात्र छात्राओं की जिंदगी को फुटबॉल बनाकर मैच की तरह जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा एक दूसरे पर कार्रवाई थोपने का कार्य किया जा रहा है

स्वतंत्र प्रभात 
 
ब्यूरो गोंडा ।
 
बड़ी दुर्घटनाओं के इंतजार में हैं विद्युत विभाग विभाग को कई बार पत्र भेजने के बावजूद भी नहीं हो रही किसी प्रकार की कार्यवाही अखिर क्यों ? काजगों में ही परिषदीय विद्यालयों के  परिसर से विद्युत तारों को हटाने की कार्रवाई कई वर्षों से की जा रही है लेकिन  कार्रवाई पूर्ण होने का नाम  खत्म नहीं हो रहा हैं।छात्र छात्राओं की जिंदगी को फुटबॉल  बनाकर मैच की तरह  जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा एक दूसरे पर कार्रवाई थोपने का कार्य किया जा रहा है 
 
ग्रीष्मकालीन सत्र के बाद पुनः परिषदीय विद्यालयों के खुलने के महज एक सप्ताह ही शेष बचे लेकिन ढेड़ दर्जन से अधिक परिषदीय विद्यालयों के परिसर से ग्यारह हजार की  लाइनों को नहीं हटाया गया जो बड़ी दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।
 
मामला शिक्षा क्षेत्र रूपईडीह के प्राथमिक विद्यालय तेंदुवा चौखड़िया, बल्ही जोत, कम्पोजिट विद्यालय कन्या रूपईडीह, परसदा, भवानियापुर उपाध्याय, पिपरा चौबे, पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरौना सहित ढेड़ दर्जन से अधिक परिषदीय विद्यालयों के परिसर में ग्यारह हजार बोल्टज के टांसफार्मर व तार बिछे हुए हैं।
 
  परिषदीय विद्यालयों के संचालन शासनादेश के अनुसार पठन पाठन का कार्य  मौत के साए में शुरू होने जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा कई वर्षों से कागजों में कार्यवाही का खाका तैयार किया जा रहा है  छात्र छात्राओं के ऊपर मौत के साए बनकर दौड़ रहे विद्युत तारों  से अनजान बने हुए हैं अधिकारियों  के द्वारा फुटबॉल की तरह मैच खेला जा रहा है लेकिन कार्रवाई शून्य बनी हुई है। परिषदीय विद्यालयों के परिसर में लटक रहें विद्युत तारों के बीच अध्ययनरत छात्र छात्राओं का पठन पाठन का कार्य प्रारंभ होगा जो बड़ी दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है।
 
इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों से विद्युत तारों को हटाने के लिए विभाग को कई बार पत्र भेजा गया है लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा बताया जा रहा है कि फंड उपलब्ध नहीं है।
 अधीक्षण अभियंता विद्युत राम नरेश सरोज ने बताया कि शिक्षा विभाग को स्टीमेट बनाकर दे दिया गया है पैसा जमा होने के बाद कार्रवाई शुरू होगा।
 
 

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