पुलिस व चाइल्डलाइन की सक्रियता से रुका बाल विवाह

स्वतंत्र प्रभात 
प्रतापगढ़

जिले के उदयपुर थानान्तर्गत एक गांव से आज बाल विवाह किये की सूचना मिली. इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए चाइल्डलाइन ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को सूचित कर पुलिस बल माँगा, जिसपर कार्यवाही करते हुए डीपीओ ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्रभारी को मौखिक व लिखित रूप से प्रस्तावित बाल विवाह रोकने हेतु आदेशित किया. 

इसके तुरंत बाद पुलिस व चाइल्ड लाइन टीम विवाह स्थल पर रवाना हो गयी. घटना स्थल पर पहुंचते ही टीम आवाक रह गई क्योंकि शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी. टेंट सज चुके थे. रिस्तेदार भी आ चुके थे. बारातियों के खाने का इंतजाम भी शुरू हो गया था. पुलिस को देख कर सब सकते में आ गए टीम ने दोनों पक्षों के प्रमाणपत्र मांगे तो लड़की और लड़का दोनों नाबालिग निकले। शैक्षणिक प्रमाण पत्र के अनुसार लड़की की उम्र - 14 साल 6 महीने लड़के की उम्र- 16 साल 5 महीने. चाइल्ड लाइन ने तुरंत विवाह रोकने को कहा 

तो उपस्थित लोगों ने इसका विरोध किया. परन्तु जब पुलिस ने सख्ती दिखाई और बाल विवाह कानून की सजाएँ बताई तो दोनों पक्ष झुक गए और स्टाम्प पेपर पर बालिग होने तक शादी न करने शपथ-पत्र दिया. और शादी रुक गयी. और उदयपुर थाने की पुलिस को इसकी मॉनिटरिंग व फालोअप करने का जिम्मा दिया. उल्लेखनीय है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के तहत बाल विवाह में शामिल होने वाले सभी व्यक्ति एवं अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

 अधिनियम के तहत बाल विवाह का अपराध संज्ञेय हैं और गैर-जमानती हैं इस बाल विवाह को रोकने में चाइल्ड लाइन प्रभारी हकीम अंसारी के अलावा एएचटीयू प्रभारी चंचल सिंह यादव और स्थानीय पुलिस की भूमिका काफी सराहनीय रही.

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