स्वतंत्र प्रभात
दया शंकर त्रिपाठी
ब्यूरो प्रयागराज।
इफको की फूलपुर इकाई में 11वीं अंतर इकाई सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ करते हुए इफको संस्था के अध्यक्ष दिलीप भाई संधानी ने कहा कि इफको संस्था की पहचान केवल फर्टिलाइजर बनाने से ही नहीं है बल्कि सामाजिक साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना चुकी है। कुरौना काल में न केवल गरीबों आशहायोकी आर्थिक रूप से मदद किया
बल्कि उन्हें दवा की सुविधा तथा ऑक्सीजन देने तक का की व्यवस्था की गई।खाने-पीने के पैकेट उनके बीच में पहुंचाए गए ।प्राकृतिक आपदा हो या राष्ट्रीय आपदा इफको सदैव बढ़कर के मदद किया है। प्रधानमंत्री के एक आवाहन पर 100 करोड़ रुपए का योगदान करके राष्ट्रीय निर्माण में हाथ बटाया ।गुजरात में आए भयंकर भूकंप के समय में भी इफको का कार्य एक यादगार बन गया है। साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्र में समय-समय पर एक वृहद कार्यक्रम का आयोजन करके इस क्षेत्र में कार्य करने वालों की मदद की और उनका हौसला बढ़ाया।
सहकारिता के क्षेत्र में विश्व में नंबर एक स्थान पर झंडा गाड़ा।
उन्होंने कहा इफको आज सहकारिता के क्षेत्र में दुनिया में पहले स्थान पर है। यह सब के लिए गर्व और गौरव की बात है ।और यह स्थान इफको में कार्य करने वाले सभी लोगों के सहयोग और मेहनत से ही हासिल हुआ है इसलिए सभी बधाई के पात्र हैं।
इसको मुनाफा कमाने के लिए नहीं बनी है।
श्री संघानी ने कहा इफको संस्था का निर्माण केवल पैसा कमाने के लिए नहीं हुआ था बल्कि किसान समाज और देश को अपनी सेवाओं से आगे बढ़ा सकें इस उद्देश के साथ हुआ था ।यह एक ऐसी संस्था है जिसमें अपने मुनाफे मैं लगातार 20 वर्षों से 20% डिविडेंड के रूप में हमारी संस्था से जुड़े हुए सहकारी संस्थाओं और सदस्यों को देती है और अगले 25 वर्षों के लिए हमारी संस्था ने निर्णय किया है यह डिविडेंड आगे भी 20% देते रहेंगे। यह यह डिविडेंड देने की सोच संस्था के प्रबंध निदेशक डॉक्टर आवास उदय शंकर अवस्थी की दूरदृष्टि सोच का परिणाम है।
इफको ने राष्ट्र और किसानों के लिए नैनो की खोज की।
श्री संधानी ने खचाखच भरे समारोह में कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी के सामने यूरिया के प्रयोग से हो रहे किसानों खेतों पर्यावरण तथा स्वास्थ को नुकसान होने की चिंता जाहिर की थीऔर इसका विकल्प ढूढने का सुझाव दिया था ।प्रबंध निदेशक ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए नैनो पर अविष्कार शुरू किया और दिन रात परिश्रम करते हुए सारी बाधाओं को पार करके अपने लच्छ तक पहुंचने में सफल रहे। यह सफलता प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी की अडिग सोच पक्का इरादा और दिन रात लच्छ की प्राप्ति के लिए कार्य करने का परिणाम है जिसको अन्य संस्था कभी सोच नही सकती थी।
नैनो के पाच प्लांट लगेगे।
दिलीप संघाणी ने कहा की प्रधानमंत्री जी के अनुरोध पर के संस्था ने नैनो के पांच प्लांट लगाने के लिए काम करना शुरू कर दिया है जिसमें तीन प्लांट लग चुके दो और लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने नैनो नैनो खाद का राष्ट्र को समर्पित करने के पूर्व सरकार द्वारा सारे परीक्षणों से प्रमाणित करने के बाद किसानों के बीच में पहुंचाने का एलान किया। नैनो खाद से न केवल किसान को लाभ होगा बल्कि राष्ट्र और विश्व का भी इसे फायदा होगा यह खाद पर्यावरण को शुद्ध करेगा किसानों को इसको डालने से पैदावार बढ़ेगी और स्वास्थ्य के लिए कोई हानिकारक नहीं है। अब मैनो डीएपी बनाने के लिए भी अग्रसर है और वह भी सफल हो चुकी है।
नैनो के आने से जहां सरकार को करोड़ों रुपया सब्सिडी की बचत होगी वहीकिसानों की जमीन की शक्ति बढ़ेगी।
इफको सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ाती है।
संधानी ने कहा कलोल में गोल्डन जुबली के समापन पर एक बहुत ही शानदार कार्यक्रम हुआ था जो सांस्कृतिक नमूना था।उसी तरह से आज फूलपुर में भी यह शानदार कार्यक्रम जो पूरे देश की संस्कृति और सभ्यता का हुनर अलग-अलग प्रदेशों की अपनी पहचान के अनुसार प्रदर्शन का मौका मिला है यह इफको की सांस्कृतिक कला को बढ़ावा देने का की परिणाम है ।मैं यहां हो रहे इस महोत्सव को सफलता की कामना करता हूं।