स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर, अयोध्या।जिले के नगर पंचायत कुमारगंज की सीट पर भाजपा की हार ने सिर्फ पार्टी की चुनावी रणनीति पर नहीं बल्कि पूरे संगठन की सक्रियता पर सवाल खड़ा कर दिया है। चुनाव में कौन पार्टी प्रत्याशी के साथ रहा और किसने भितरघात किया लोग इस पर जमकर चर्चा कर रहे हैं।
इस हार पर पार्टी के भीतर मंथन के बाद नतीजा जो भी आए लेकिन एक बात बिल्कुल साफ हो गई है कि भाजपा प्रत्याशी के हार की पटकथा टिकट बटवारे के समय ही तैयार हो गई थी। पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में विजय कुमार उपाध्याय के उतरने के साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता दो धाड़ में बंट गए थे। बंटवारा आंदर तक बरकरार है पार्टी ट्रिपल इंजन की सरकार के नारे को ले डूबा।
हालांकि भाजपा प्रत्याशी को हराने में पार्टी के भीतर घातियों का भी अहम रोल रहा है, लेकिन बागी उम्मीदवार बैजनाथ ने भी बीजेपी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा साबित हुए।
जानकारों की माने तो भाजपा की हार की पटकथा टिकट बंटवारे के समय ही तैयार हो गई थी जब पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष चंद्रबली सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था। रही सही कसर पार्टी के टिकट मांग रहे बाजार मालिक विजय कुमार उपाध्याय ने पूरी कर दी थी और बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा कार्यकर्ता सहज नहीं रहे और पार्टी दो धड़ो में बटी नजर आई थी। एक धड़ा चंद्रबली सिंह के साथ तो दूसरा धड़ा चोरी चुपके विजय कुमार उपाध्याय के साथ रहा। कार्यकर्ताओं के बीच यह दूरी मतदान के दिन तक बनी रही और आखिर में भाजपा के नाव भितरघात के भवर में चक्कर खाकर डूब ही गई।