टीबी रोगी की पहचान को पहुंची टीमों को दें सही जानकारी-डीटीओ 

-22 फरवरी से घर-घर पहुंचकर टीमें रोगियों को कर रहीं चिन्हित

 
-दो लाख लोगों में तलाशे जा रहे टीबी रोगी 
 
महोबा । ब्यूरो रिपोर्ट-अनूप सिंह
 
देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं। जनपद में क्षय रोगियों की खोज के लिए घर-घर टीम पहुंच रही है। यह अभियान जनपद में 4 मार्च तक चलेगा। अभियान के दौरान अगर टीम किसी के दरवाजे पर पहुंचती है तो उसे सही जानकारी प्रदान करें, ताकि क्षय रोगियों का चिन्हीकरण करके उसका इलाज कराया जा सके और जिले को क्षय मुक्त बनाया जा सके। यह बातें जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जीआर रत्मेले ने कहीं। 
 
     डीटीओ ने बताया कि जिले की 10 लाख की आबादी के सापेक्ष 20 प्रतिशत अर्थात कुल 2 लाख लोगों में टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी। अभियान के दौरान कुल चिन्हित गांवों के 39627 घरों में क्षय रोगियों की खोज के लिए 80 टीमें बनाई गई हैं। हर टीम में तीन सदस्य हैं। इनकी निगरानी के लिए 16 सुपरवाइजर, चार नोडल अधिकारी और आठ मेडिकल आफीसर लगे हैं। टीम के निरीक्षण में लक्षण मिलने पर सर्वे टीम उसी समय व्यक्ति के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी। रोग की पुष्टि होने पर दो दिन के भीतर व्यक्ति का उपचार शुरू हो जाएगा।  यदि व्यक्ति में रोग की पुष्टि होती है तो सर्वे टीम को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी । 
 
    जिला कार्यक्रम समन्वयक नरेंद्र सिंह ने बताया कि क्लोज कैम्पस में अभियान 20 फरवरी से लेकर 21 फरवरी तक चलाया गया था। इस दौरान जिला जेल के समस्त कैदियों की जांच की गई। इन कैदियों में 9 ऐसे थे जिनका सैंपल लिया गया। सैंपल की जांच के बाद कोई क्षय रोगी नहीं पाया गया। बाल आश्रम व वृद्धाश्रम में जांच के बाद कोई भी व्यक्ति क्षय रोग से पीड़ित नहीं मिला है।
 
नाखून व बाल छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है क्षय रोग
 
डॉ. रत्मेले ने बताया कि क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी, ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है। यह रोग टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने, रोगी द्वारा इधर उधर खुली जगह पर बलगम थूकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से हो सकता है।
 
इलाज के लिए जिले में उपलब्ध सुविधाएं
 
जिले में कुल 6 टीबी यूनिट हैं। 14 माइक्रोस्कोपिक सेंटर हैं जहां बलगम की जांच होती है। दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनाट व दो ट्रूनाट मशीन हैं। चार बेड का डीडीआरटीबी सेंटर है। वर्तमान समय में जिले में कुल 1058 क्षय रोगी हैं।  सभी को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये उनके खाते में दिए जा रहे हैं।
 
 

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