स्वतंत्र प्रभात।
उत्तर कोरिया ने शनिवार को लंबी दूरी की संदिग्ध मिसाइल अपनी राजधानी से समुद्र में दागी । दक्षिण कोरिया और जापान ने उत्तर कोरिया के इस मिसाइल परीक्षण को लेकर कड़ा एतराज जताया है। उत्तर कोरिया की यह मिसाइल जापान के नजदीक समुद्र में गिरी । दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास की घोषणा पर उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई धमकी के एक दिन बाद यह संदिग्ध मिसाइल दागी गई है। दक्षिण कोरिया की सेना ने इसकी पुष्टि की है। ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल स्थानीय समयानुसार अपराह्न पांच बजकर 22 मिनट पर सुनान इलाके से दागी गई जो प्योंगयांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक है।
दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिका के साथ प्योंगयांग के खिलाफ अपनी तैयारी को चुस्त दुरस्त करने के लिए सैन्य अभ्यास की श्रृंखला की घोषणा की गई जिसके बाद उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी थी की कि वह ‘अभूतपूर्व' कार्रवाई करेगा। जापान के उप रक्षामंत्री तोशिरो इनो ने कहा कि मिसाइल के जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में ओशिमा द्वीप के पश्चिम तटी से करीब 200 किलोमीटर दूर गिरने की आशंका है। मिसाइल परीक्षण के बाद जापानी अधिकारियों ने कहा कि यह लॉन्च होने के एक घंटे से अधिक समय बाद जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर समुद्र में गिर गया। जापान ने दावा किया है कि यह हथियार उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइलों में से एक था। यह 1 जनवरी के बाद उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल परीक्षण था।
ओशिमा होक्काइदो मुख्य द्वीप के उत्तर में स्थित है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सूचना प्राप्त करने और आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अपने लोगों के जानमाल की रक्षा के लिए सतर्कता व निगरानी उपाय कर रहे हैं।'' गौरतलब है कि एक जनवरी के बाद यह उत्तर कोरिया द्वारा पहला ज्ञात मिसाइल परीक्षण है। एक जनवरी को उसने कम दूरी की मिसाइल दागी थी। प्योंगयांग ने प्रतद्वंद्वियों को अपराधी करार देते हुए आरोप लगाया था कि वे जानबूझकर क्षेत्र की शांति और स्थिरता भंग कर रहे हैं।
उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा कि अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के उसके नवीनतम परीक्षण का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ “घातक” परमाणु हमले की अपनी क्षमता को और बढ़ाना है। उत्तर कोरिया ने अमेरिका व दक्षिण कोरिया के बीच प्रस्तावित सैन्य अभ्यास के जवाब में अतिरिक्त शक्तिशाली कदम उठाने की धमकी भी दी। इससे संकेत मिलता है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपने प्रतिद्वंद्वियों के सैन्य अभ्यास का उपयोग अपने देश की परमाणु क्षमता का विस्तार करने के अवसर के रूप में कर रहे हैं ताकि अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाले समझौतों में इसका लाभ उठाया जा सके।