स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी या मिलीभगत से चालू नर्सिंग होम

कब जागेगा स्वास्थ्य विभाग

स्वतंत्र प्रभात
 
उन्नाव- राज्य शासन के निर्देश के बाद भी बगैर फायर सेफ्टी एनओसी के ही जिले में निजी नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। इसका खुलासा हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई निजी नर्सिंग होम की जांच में हुआ है। इधर, फायर सेफ्टी एनओसी नहीं पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक निजी नर्सिंग होम के संचालकों को नोटिस भी जारी किया था इसके बावजूद सभी बगैर फायर सेफ्टी के एनओसी के प्राइवेट नर्सिंग होम सुचारु रुप से संचालित है
 
बताते चले कि उन्नाव जिले में बीते दिनों बिना मानक के चल रहे प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पतालों को पहले ही मानक पूरा करने की नोटिस जारी की गई थी उसके बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से न ही नोटिस को गंभीरता से लिया गया और न ही मानक को पूरा किया गया। जिसके तहत सीएमओ ने जिले में संचालित 21 अस्पतालों के लाइसेंस रद्द कर दिया गया था 
 
नोटिस के बाद भी संचालित है
 
स्वास्थ्य विभाग ने सभी 21 अस्पतालों को नोटिस देकर एनओसी नवीकरण के लिये कहा था लेकिन एक दो अस्पतालों को छोड़कर सभी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के सांठगांठ से बेखौफ संचालन हो रहा है! बता दे कि सीएमओ डा. सत्यप्रकाश ने जब तक फायर सेफ्टी एनओसी नहीं मिल जाती तब तक अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं करने के आदेश दिए है गौरतलब हो कि कब्बा खेड़ा स्थित उन्नाव मेडिकल सेंटर नर्सिंग होम का फायर सेफ्टी एनओसी का वैधता समाप्त हो चुकी है इसके बावजूद स्वास्थ विभाग की सांठगांठ से चालू है
जिस पर सीएमओ साहब से सवाल किया गया तो उन्होंने डिप्टी सीएमओ डाक्टर ललित कुमार से यूएमसी नर्सिंग होम पर कार्रवाई के आदेश दिया था लेकिन बेखौफ होकर अस्पताल का संचालित होना स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल उठाता है ?
 
आग को लेकर अस्पताल रहते हैं संवेदनशील
 
अस्पताल आग आदि के लिए बेहद संवेदनशील रहता है, क्योंकि यहां पर कई तरह की हाई वोल्टेज चिकित्सकीय मशीन लगे रहते है। जहां जरा से लापरवाही होने पर शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका रहती है। जबकि इन अस्पतालों में हर समय मरीज भर्ती रहते है जो बीमारी की वजह से कमजोर रहते है और आग लगने या अन्य विपदा के दौरान अपनी जान बचाने में सक्षम नहीं रहते हैं। संवदेनशील होने के बाद भी फायर सेफ्टी फीचर स्थापित करवाने स्वास्थ्य विभाग रुचि नहीं ले रहा है।
 
पंजीयन निरस्त कर जारी किया नोटिस
 
फायर एनओसी न होने पर सीएमओं ने 21 निजी अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया था । अभिषेक हास्पिटल आशाखेडा, अपना हास्पिटल बीघापुर, अपोलो हास्पिटल बीघापुर, आस्था हास्पिटल दही चौकी, बीएन हास्पिटल कांशीराम कालोनी, सीपी मेमोरियल नर्सिंगहोम गांधीनगर, चरक मेडिकल सेंटर, कृष्णा मेडिकल सेंटर गदनखेडा, महक हास्पिटल उन्नाव, मिर्जा चेरिटेबल हास्पिटल सहजनी, नंदिनी हास्पिटल एण्ड मैटरनिटी सेंटर, नारायण हास्पिटल, न्यू शिव हास्पिटल पीडी नगर, पीएल वर्मा हास्पिटल, पल्स हास्पिटल गदनखेडा, सहारा हास्पिटल सफीपुर, पूजा हास्पिटल पीडी नगर, श्रीसाई हास्पिटल पीतांबर नगर, शुभनयन हास्पिटल कांशीराम, सर्जिकल हास्पिटल सोहरामऊ, सुषमा हास्पिटल पीडी नगर उन्नाव का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया है।
 
अस्पताल बगैर एनओसी के नही खुलेगा
 
सीएमओ डाक्टर सत्यप्रकाश ने बताया कि जिले में पंजीकृत सभी निजी नर्सिंग होम की जांच की गई। किसी भी नर्सिंग होम संचालक के पास फायर सेफ्टी एनओसी नहीं है। सभी नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। जब तक फायर सेफ्टी एनओसी नहीं मिल जाती तब तक अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं करने के आदेश दिए है।

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