मेल एक्सप्रेस ट्रेन का पैसेंजर ट्रेन न चलने से मोतीगंज क्षेत्र के लोग परेशान

मोतीगंज रेलवे स्टेशन पर मेल और पैसेंजर ट्रेन चलाने व ठहराव के लोगों ने की मांग

स्वतंत्र प्रभात
 
मोतीगंज गोंडा! मोतीगंज क्षेत्र के निवासियों ने लगभग 5 वर्षों से मोतीगंज रेलवे स्टेशन पर मेल एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव की मांग करते करते थक गए लेकिन मेल इस प्रेस ट्रेन के ठहराव नहीं हुई जो पैसेंजर ट्रेन चलती थी वह भी बंद कर दी गई जिससे कि दूरदराज तथा कचहरी या अस्पताल जाने के लिए क्षेत्र के लोग परेशान रहते हैं उन्हें प्राइवेट वाहनों से यात्रा करना पड़ता है जो काफी महंगा पड़ता है।
 
मोतीगंज बाजार निवासी संजय कुमार ने बताया कि हम लोगों ने करीब 5 वर्षों से सांसद गोंडा वह रेलवे विभाग के अधिकारियों से लिखित रूप से शिकायती प्रार्थना पत्र देकर मोतीगंज रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन ठहराव की मांग करते रहे और वहां से हमें सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा आश्वासन के सिवा कुछ नहीं जो पैसेंजर ट्रेन चलती थी वह भी बंद कर दी गई जिससे हम क्षेत्रवासियों को गोंडा मनकापुर लोकल यात्रा करना काफी महंगा पड़ता है। 
 
क्योंकि टेंपो बस प्राइवेट वाहनों से यात्रा करना पड़ता है और अगर लखनऊ गोरखपुर बस्ती दूर की यात्रा करनी हो तो पहले यहां से हम लोग प्राइवेट वाहन से गोंडा जाते हैं और वहां से ट्रेन पकड़ते हैं जो हम लोगों के जेब पर काफी भारी पड़ता है इन लोगों ने सांसद गोंडा से लेकर रेलवे विभाग तक के अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया लेकिन मिला तो निराशा।
 
क्षेत्र निवासी संजय कुमार संदीप कुमार गुप्ता अमित मोदनवाल मोहम्मद सईद पिंटू मोदनवाल यदि लोगों ने सांसद से लेकर रेल मंत्रालय तक से गुहार लगाई लेकिन मिला सिर्फ निराशा इन लोगों को कहना है कि क्या जब रेल बजट होती है तो उसमें मोतीगंज रेलवे स्टेशन का ना तो जिक्र होता है ना ही कहीं नाम आता है शायद बजट में या रेलवे विभाग के लिस्ट में मोतीगंज रेलवे स्टेशन का नाम है या नहीं है। 
 
सभी लोगों ने कहा कि मेल एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव की मांग करते करते हम लोगों ने पैसेंजर ट्रेन को भी गवा बैठे जिससे कि क्षेत्रवासियों तथा गरीब तबके के लोगों को यात्रा करना काफी महंगा पड़ रहा है क्योंकि प्राइवेट वाहन ही एक सहारा है सभी ने मोतीगंज रेलवे स्टेशन पर मेल ट्रेन के ठहराव वापस रेंजर ट्रेन चल बाय जाने की मांग की है जो कि मोतीगंज पर सभी का गहरा हो जिससे लोगों को सुविधा मिल सके।

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