तेज रफ्तार वाहनों पर पुलिस नियंत्रण नहीं होने से हो रहे हादसे

स्वतंत्र प्रभात
 
उन्नाव रफ्तार के कारण होने के वाले हादसे रुकने का नाम नहीं ले रही है। वहीं यातायात व पेट्रोलिंग पुलिस की ओर से तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। हाइवे में खतरनाक तरीके से दौड़ रहे वाहन रोज ही लोगों की जान ले रहे हैं। तीन दिन मे जनपद मे दो बड़े पर हादसे से लोगों मे यातायात पुलिस पर सवाल उठने लगे! 
 
बताते चले कि बिहार थाना क्षेत्र के उन्नाव रायबरेली राजमार्ग स्थित छांछीराईखेड़ा गांव के पास सोमवार देर शाम एक के बाद एक तेज रफ्तार तीन बाइकों की भिड़ंत होने से दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोग जख्मी हो गए। हादसे के बाद बाइक में आग लगने से धू धूकर जल गई
बीते रविवार देर शाम को जिले के अचलगंज क्षेत्र में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर तेज रफ्तार डंपर ने कार को टक्कर मार दी. यह हादसा इतना भीषण था कि टक्कर मारने के बाद डंपर कार को घसीटता रहा और कार खाई में जा गिरी इस दौरान डंपर ने सड़क किनारे खड़े लोगों को कुचल दिया जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी!
 
यातायात सिस्टम पूरी तरह चौपट
 
यातायात पुलिस विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल होने के बावजूद तेज़ रफ्तार वाहनो को रोकने मे नाकाम है। नेशनल हाइवे और नगर के प्रमुख स्थानों पर ड्यूटी लगाकर ओवरलोड वाहनों व तेज रफ्तार गुजरते वाहनों पर लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन पुलिस विभाग केवल छोटे दुपहिया चालकों के खिलाफ ही चालान कार्रवाई कर अपने दायित्वों की खानापूर्ति करता है। इसके चलते ग्रामीण और नगर के आसपास का यातायात चौपट हो गया है। शहर और नेशनल हाइवों की सड़कों से गुजरने वाले दो पहिया और चार पहिया वाहनों की गति अत्यधिक होती है। इसके चलते बीते एक साल में जिले और ग्रामीण शहरी क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है क्षेत्र में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाएं, खस्ता यातायात सिस्टम सुधारना पुलिस विभाग के लिए चुनौती बन चुका है।
 

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