गुरु ग्रंथ साहिब के अंतिम दो स्वरूप अफगानिस्तान से पहुंचे दिल्ली

स्वतंत्र प्रभात।

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद से सिख धर्म  और विरासत के प्रतीकों को वापस लाने का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में  काबुल से बाकी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र दो स्वरूप भी बुधवार को दिल्ली पहुंच गए।जागो-जग आसरा गुरु ओट और डीएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह जीके और सरदार परमजीत सिंह सरना ने गुरु मर्यादा के अनुसार, दिल्ली हवाई अड्डे पर दोनों स्वरूप प्राप्त किए । इस मौके पर सरदार मंजीत सिंह जीके ने कहा कि तालिबान शासन के आने के बाद अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी धार्मिक विरासतों को वापस लाया जा रहा है।

मंजीत सिंह ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब के यह आखिरी दो स्वरूप वहीं छोड़ दिए गए थे।  पहले भी इन्हें लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन उस वक्त तालिबान ने तकनीकी पहलुओं को देखते हुए इसे रोक दिया था। उन्हें वहां से लाने का सारा खर्च शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उठाया है। मंजीत सिंह ने कहा कि भारत सरकार के दखल और दोनों सरकारों के बीच बातचीत के बाद वे दोनों स्वरूपों को वापस लाने में सफल रहे हैं। इंडियन व‌र्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने अफगानिस्तान सरकार और भारत सरकार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के हस्तांतरण की पवित्रता के अनुसार सुगम मार्ग और प्रोटोकाल की सुविधा के लिए धन्यवाद दिया है।

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