स्वतंत्र प्रभात
शाहरुख खान की फिल्म पठान के बाद अब प्रभाष और सैफ अली खान की फिल्म आदिपुरुष भी विवादों में आ गया है। इस फिल्म में भगवान राम, रावण और पवन पुत्र हनुमान के किरदारों की वेशभूषा में छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। राजस्थान के सलसर स्थित बाला जी मंदिर के 9 वीं पीढ़ी के पुजारी नितिन पुजारी ने कहा कि सिनेमा में लगातार हमारे आरध्य का गलत चित्रण किया जा रहा है, जो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। धार्मिक आस्था और विश्वास के साथ छेड़खानी का अधिकार किसी को नहीं है। फिल्मों में इस तरह की परंपरा का चलन देश के लिए हानिकारक है। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। ऐसी फिल्मों और मेकर्स को बैन कर दिया जाना चाहिए।
नितिन पुजारी ने आक्रमक लहजे में कहा कि मेकर्स हमारे आराध्य का अपमान करना बंद करें, वरना अंजाम बुरा होगा। उन्होंने कहा कि 12 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म आदिपुरुष में पवन पुत्र हुनमान को जिस तरह से दिखाया गया है, वो गलत है। उन्होंने कहा कि हाथ बज़्र और ध्वजा बिराजे...लेकिन इस फिल्म में कुछ और ही दिखाया गया है, जो भगवान हनुमान का निरादर है। आम जन सामान्य इसे कतई सहन नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि फिल्म में हनुमान जी के अंगवस्त्र चमड़े के दिखाए गए हैं, जबकि हनुमान चालीसा में वर्णित है- 'कानन कुंडल कुंचित केसा, हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे कांधे मूंज जनेऊ साजे' यानी हनुमान जी के वस्त्रों तक का जिक्र है, लेकिन यह इन्होंने हनुमान जी को क्या पहना दिखाया है? उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में फिल्म आदिपुरुष में भारतीय धार्मिक आस्थाओं के प्रतीकों का चित्रण जिस तरह से किया गया है, उस पर जन सामान्य को आपत्ति होना स्वाभाविक है। इसलिए इसमें सुधार हो, नहीं तो इसे बैन किया जाए।