महोबा । ब्यूरो रिपोर्ट-अनूप सिंह
कृषि भूमि में नदी के बहाव से एकत्र बालू को निकालकर कृषि योग्य भूमि बनाने के लिए निजी भूमि के तीन माह के पट्टे अब अवैध खनन के दायरे में आ गये है डीएम ने जांच पड़ताल कराकर अवैध खनन पाएजाने पर एक दर्जन पट्टा पर दो करोड़ से अधिक की रिकवरी नोटिस जारी कर दी है। जिससे निजी भूमि की बालू निकालने वाले खनिज कारोबारियों के होश उड़ गए हैं।
जिले के कुलपहाड़ तहसील अंतर्गत पनवाड़ी विकास खंड में छतेशर धसान नदी बहती है जहां भारी मात्रा में बालू बहकर नदी किनारे के खेतों में एकत्र हो जाती है जिससे किसान खेती किसानी नही कर पाते। बालू हटाने तथा कृषि योग्य भूमि बनाने के लिए सरकार ने निजी भूमि के तीन तीन माह के पट्टे करवाए। ताकि एक ओर किसान को बालू निकासी से आर्थिक लाभ हो तथा दूसरी ओर उसकी भूमि कृषि योग्य बन जाये।
डीएम मनोज कुमार सिंह ने बताया कि किसानों से एग्रीमेंट कर तीन तीन माह के खनन ब्यापारियों ने बालू निकासी शुरू कर दी तथा खनन निजी भूमि के अलावा पड़ोसी अन्य भूमि पर अवैध खनन करने लगे। डीएम ने खनिज की टीम मौके पर भेजकर निजी भूमि के बालू क्षेत्रो की जांच कराई। जिसमे अवैध खनन की पुष्टि खनिज टीम ने करते हुए डीएम को रिपोर्ट दे दी।
डीएम ने निजी भूमि के पट्टेदारों राकेश कुमार अग्रवाल पर 55 लाख 61 हजार 600, मंगल सिंह पर 7 लाख 57 हजार 400, श्रद्धा श्रीवास्तव पर 37 लाख 76 हजार 900, अखिलेश पर 20 लाख 25 हजार 500, खरगई पर 14 लाख 55 हजार 800, राम स्नेही पर 33 लाख 82 हजार 250,श्रीमती एकता पाठक पर 59 लाख 33 हजार 800 तथा श्री हरनारायण पर 17 लाख 28 हजार 500 की अवैध खनन की पेनाल्टी जुमार्ना लगाया गया है। डीएम ने कहा यदि धनराशि जमा नही की तो आरसी काटी जाएगी तथा हाल ही में तीन ऐसे ही बकायेदार अवैध खनन करने वालो पर 1 करोड़ दस लाख की आरसी काटी गई है। डीएम ने कहा कि किसान को पैसे देकर खनिज कारोबारी अग्रीमेंट करा लेते है तथा अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे दाए बाए अपने स्वीकृत क्षेत्र से हटके अवैध खनन करने लगते है। अवैध खनन वालों को बख्शा नही जाएगा। डीएम की इस कार्रवाई से जिले के पनवाड़ी क्षेत्र में निजी भूमि स्वामियों तथा खनन करने वालो के होश उड़ गए हैं।