स्वतंत्र प्रभात
कसया, कुशीनगर। विमर्श साहित्यिक संस्था के तत्वाधान में निरंकारी इंटरमीडिएट कालेज परिसर में आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने सम सामयिक कविता, गजल, शेरो, शायरी को सुनाकर बहाबही लुटी।
गोष्ठी की शुरुआत माँ सरस्वती के कविता पाठ से हुआ। युवा कवि अश्वनी दिवेदी ने जिनगी के संयिहारे
के सीख, कबो न हिम्मत हारे के सिख। सुजीत पाण्डेय ने तूफानों की औकात अब पतवार बताएगी। डॉ इम्तियाज 'समर' ने मेरा चेहरा नजर आएगा। डॉ अर्शी बस्तवी ने ख्वाब शोहरत के देखने वालों शोहरतें दुश्मनी बढ़ाती है। कृष्णा श्रीवास्तव ने शब्द की पीड़ा न समझे, हो रहे अति क्रूर हम। मधुसूदन पाण्डेय ने भारत की क्या ब्यथा सुनाऊं। रेणुका चौहान ने रहें हम साथ जीवन भर। महेश अकाशपुरी ने वतन में लोकशाही का सबल आधार होता है। सुरेंद्र प्रसाद गोपाल ने अब तो दीवारों से संवाद करता आदमी। एडवोकेट इरशाद कामिल ने सबकी निगाह में ही खता वार हो गए। संतोष संगम ने गर नजरों में ढाल हो जाये। मोहन पाण्डेय भ्रमर ने लहकत मकईया से महकत सिवान के, हे भईया गंऊवा के ठाट निक बाटे। सीताराम मधुर नेत्र संवाद पर ओमप्रकाश दिवेदी ने फुलवा लोढ़न चले राम लक्ष्मण दुनु भईया जनक बगिया सुनाई। कवियों की रचनाओं का दर्शकों ने खूब आनंद लिया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक रजनीकान्त मणि त्रिपाठी ने सभी कवियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपनी रचना हम अपनी मुश्किलों में, एक राह ढूढता हूँ। जो बन चुके पहेली, ऐसे राह ढूढता हूँ। सुनाकर जीवन की सच्चाई बयां की। विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रताप नारायण सिंह ने कवियों की रचनाओं की सराहना की विमर्श संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती के चित्र के समक्ष दीपनप्रज्वलन से हुआ। अतिथियों, कवियों और पत्रकारों का माल्यार्पण, अंग वस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। संचालन कर रहे विमर्श अध्यक्ष आरके भट्ट ने संतुलन जो बिगाड़ा सृष्टि का, मल मल के हाय पछताओगे। सुनाकर कुरीतियों पर प्रहार किया। आभार सचिव जय कॄष्ण शुक्ल व प्रधानाचार्य अवधेश चौरसिया ने व्यक्त किया। इसी क्रम में मधुसूदन मिश्रा, अवधेश नन्द, शैलेंद्र असीम, उगम चौधरी उगम, गोमल कवि, नूरुद्दीन नूर, डॉ बलराम राय, रामनरेश शर्मा, धीरज राव, नंदलाल सिंह कांतिपति, जगदीश प्रसाद, अशोक शर्मा, सुजीत पाण्डेय, सत्यप्रकाश शुक्ल, मदन मोहन पाण्डेय आदि ने अपनी बेहतरीन रचना सुनाई। इस दौरान जेपी यादव, रालोद नेता विवेक कुमार वर्मा, हरीओम मिश्रा, संजय सिंह, आफताब आलम, अब्दुल मजीद, देवेंद्र पाण्डेय, मनोज चौरसिया, धीरेंद्र त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।