स्वतंत्र प्रभात
वेद प्रकाश तिवारी
रामसनेहीघाट बाराबंकी जीवन में अपनी समझ से ईश्वरीय कार्य हानि लाभ की चिंता किए बगैर करते रहना चाहिए ।इसकी चिंता नही करनी चाहिए कि कोई हमारा सम्मान करता है या नही करता है।कोई क्या कहता है
इसकी परवाह किये बगैर अपने कार्य को करते रहना चाहिए क्योंकि सूर्य रोजाना अपने समय पर निकलता और डूबता है। जब सुबह सूर्य उदय होता है तो
किसी भूखे नंगे को खाना कपड़ा देना तो पुण्य है लेकिन उससे भी बड़ा पुण्य है उसे रोटी कमाने लायक बना देना। आप किसी को एक दिन रोटी कपड़ा दे सकते हैं
लेकिन रोजी रोजाना जीवन भर साथ देती है। परहित करने बड़ी दूसरी को ईश्वर की पूजा नहीं होती है और ईश्वर का भजन अगले पिछले और वर्तमान तीनों जन्मो में साथ देता रहता है।