राजेश कुमार
महराजगंज/रायबरेली: अब उत्तर प्रदेश के किसान भी अपने खेतों में बादाम की खेती कर सकेंगे। रायबरेली जिले की महराजगंज तहसील के राजस्व गांव मऊ के मजरे पूरे दुबे का बाजार में 12 साल के इंतजार के
बाद बादाम के पौधे पर फल आने लगे हैं। बादाम खाने लायक हो गए हैं, किंतु गूदी पतली है।
आपको बता दें कि, महराजगंज तहसील मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव पूरे दुबे का बाजार के
रहने वाले उन्नतशील किसान रूद्र प्रताप अग्निहोत्री ने लगभग 12 वर्ष पूर्व एक बादाम का
गांव में बादाम के पेड़ पर फल आने से यहां के किसानों में बादाम की खेती करने की रुचि बढ़ी है, इससे यहां के किसानों की तकदीर बदल जाएगी।
प्रगतिशील किसान रूद्र प्रताप अग्निहोत्री नंबरदार ने बताया कि, बादाम की खेती करने की उनके अंदर लालसा प्रकट हुई है। शुरुआत में वह अब 10 बिस्वा जमीन पर बादाम की नर्सरी लाकर लगाने का काम शुरू करेंगे।
12 वर्ष पूर्व रायबरेली की एक नर्सरी से बादाम का एक पौधा लाकर अपने घर के प्रांगण में लगाया था, जिस पर 3 वर्षों से लगातार फल आ रहे हैं।
पौधे को लगाने में इनका किया प्रयोग:* बादाम के पौधे को लगाने के लिए केचुआ खाद, जीवा मृत, घन जीवा मृत और हड्डी की खाद का प्रयोग किया था।
तापमान सही रखने के लिये पेंड़ की जड़ और पत्तियों पर पानी का छिड़काव करते रहे, ताकि तापमान सही रहे। मार्च और अप्रैल माह में फल आ जाते हैं।
पौधा तैयार करने का तरीका:* श्री अग्निहोत्री ने बताया कि, लेयरिग और क्राफ्टिग विधि से पौधे तैयार होंगे।
ब्लाक महराजगंज के पूरे दुबे का बाजार पहला गांव है, जहां बादाम के पौधे में फल आया है। बादाम का पौधा तो काफी लोगों ने घरों पर लगाये होंगे लेकिन, अभी फल तैयार होने की जानकारी नही है। यह हमारे लिए उपलब्धि है।
प्रगतिशील किसान रुद्र प्रताप अग्निहोत्री नंबरदार ने बताया कि, इसके अलावा उनके पास करीब 10 पेड़ कलमी आम, पांच पेड़ शरीफा, चार पेड़ बैर, पांच पेड़ अमरुद, दो पेड़ कटहल आदि के लगाए हैं जो निरंतर फल दे रहे हैं।