दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कारगर हो रही समावेशी शिक्षा: प्राचार्य

एक दिनी कार्यशाला में समावेशी शिक्षा के उपयोगिता पर हुई चर्चा

समावेशी शिक्षा के प्रति जन समुदाय को जागरूक करने का आह्वान

राघवेंद्र मल्ल 

पडरौना, कुशीनगर। दिव्यांग बच्चे समाज के प्रमुख हिस्सा हैं। इनके शिक्षा, खेल, मानसिक विकास के लिए समावेशी शिक्षा उनके सर्वांगीण विकास में कारगर साबित हो रही है। आमजन को दिव्यांग बच्चों के विकास के प्रति जागरूक करना होगा।

यह बातें जिला पंचायत सभागार में आयोजित एक दिनी कार्यशाला में वक्ताओं ने कहीं। कार्यशाला में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों के समावेशी शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन एवं समर्थ पोर्टल के माध्यम से सतत अनुश्रवण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया था। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण उत्थान के लिए सतत प्रयास करने पर जोर दिया। कहा कि शासन से संचालित योजनायें व उसके माडल से बदलाव आने लगा है। विशिष्ट अतिथि व डायल के प्राचार्य अमित कुमार सिंह ने कहा दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समावेशी शिक्षा कारगर साबित हो रही है। योजना की बदौलत दिव्यांग बच्चों में पढ़ने की ललक जगी है। कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए जिला समन्वयक समेकित शिक्षा गौरव पांडे ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के प्रति जन समुदाय को जागरूक करने, उन्हें आम जनमानस के साथ सामान्य जीवन व्यतीत करने में होने वाली कठिनाइयों का समाधान, दिव्यांग बच्चों का चिन्हांकन, उनका नामांकन और विद्यालयों में उनकी नियमित उपस्थिति, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा हेतु प्रभावी एकेडमिक डिजाइन के सफल क्रियान्वयन, शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों की दिव्यांगता के प्रति जागरूकता को और बढ़ाने की जरूरत है। कहा कि सहयोगात्मक नेतृत्व प्रदान किये जाने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन निश्चित ही लाभकारी होगा। कार्यशाला को जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अरूणिता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ कमलेंद्र कुमार कुशवाहा ने भी संबोधित किया। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी फाजिलनगर दयानंद चंद्र ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला में सभी विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी, एसआरजी समस्त एआरपी तथा समस्त स्पेशल एजुकेटर उपस्थित थे।

 

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