पूर्व मंत्री व बसपा नेता दल-बल के साथ समाज वादी पार्टी में शामिल

बस्ती। पूर्वान्चल चौधरियों के छत्रप कहे जाने वाले रामप्रसाद चौधरी ने सोमवार को साइकिल पर सवार हो गये। कभी पूर्वान्चल के जिलों में एक जाति विरोधी राजनीति से राजनैति को सीखकर उसको अपने जीवन में आत्मसार कर सत्ता के साथ-साथ रहने वाले दलों में अपनी पारी खेलते रहे। बताते चले श्री चौधरी अपनी राजनैतिक जीवन

बस्ती। पूर्वान्चल चौधरियों के छत्रप कहे जाने वाले रामप्रसाद चौधरी ने सोमवार को साइकिल पर सवार हो गये। कभी पूर्वान्चल के जिलों में एक जाति विरोधी राजनीति से राजनैति को सीखकर उसको अपने जीवन में आत्मसार कर सत्ता के साथ-साथ रहने वाले दलों में अपनी पारी खेलते रहे। बताते चले श्री चौधरी अपनी राजनैतिक जीवन की शुरूआत सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा क्रान्तिरथ के समय शुरू किया।

उसके बाद से कभी पिछे मुडकर नही देखा। सपा मुखिया को तात्कालिक लाभ के चक्कर में बसपा से हाथ मिलाकर कप्तानगंज से विधायक बने बसपा मुखिया मायावती के साथ गेस्ट हाउस काण्ड के बाद  बसपा से निकाले जाने के बाद वे तात्कालिक लाभ के चलते भाजपा से हाथ मिला पुनः भाजपा से विधायक बने। भाजपा का दामन छोड पुनः बसपा का दामन थाम लिया। श्री चौधरी अपने राजनैतिक जीवन में एक बार सांसद व पॉच बार विधायक कप्तानगंज क्षेत्र से रहे। 2017 के विधान सभा की सीट जाने के साथ ही बढती उम्र में राजनैतिक पकड भी कमजोर पडने लगी।

विधान सभा के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से सांसद प्रत्याशी रहते हुए हार का मुह देखना पडा सूत्रों की मानेतो राजनैतिक उठापठक के बीच भाई भतीजा बेटा बाद में भी इनकी खुब किरकरी हुयी। सत्ता के जोड तोड में अपने बेटे कबीर को लेकर भी राजनैतिक जमीन तलाश रहे चौधरी क्षत्रप की मुश्किल कम होती नजर नही आ रही देख  पुन सपा की साइकिल की सवारी अपने दल बल के साथ कर बेटे को राजनैतिक ककहरा का ज्ञान दिया।

श्री चौधरी के साथ पूर्व सांसद अरविन्द चौधरी, पूर्व विधायक जितेन्द्र चौधरी उर्फ नन्दू चौधरी, पूर्व विधायक दूधराम, पूर्व विधायक राजेन्द्र चौधरी, पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष लतादेवी, पूर्व प्रत्याशी विपिन शुक्ल, कबीर चौधरी,रामअधार पाल आदि के साथ सैकडों लोग शामिल हुये।

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