By Swatantra Prabhat पथिक
पथिक हो?
फिर विराम क्यों ?
चलना तेरा काम है
फिर आराम क्यों?
पथिक हो?
फिर पथ पर पड़े
कंकरओं से
तुमको भय क्यों?
पथिक हो?
फिर पथ पर
चलने से तुम को
थकावट क्यों?
पथिक हो?
फिर हार जाने के
डर से तुम को
घबराहट क्यों?
राजीव डोगरा
About The Author: Swatantra Prabhat