बाल विकास परियोजना कार्यालय में तैनात अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी के चलते

तैनात इंचार्ज सीडीपीओ व सुपरवाइजरों का कार्यालय आना-जाना उनकी मर्जी पर निर्भर ऐसा क्यों 


स्वतंत्र प्रभात 

हैदर गढ़ बाराबंकी 16 दिसंबर संवाददाता बाल विकास परियोजना कार्यालय में तैनात अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों की वितरण व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। यहां तैनात इंचार्ज सीडीपीओ व सुपरवाइजरों का कार्यालय आना-जाना उनकी मर्जी पर निर्भर हो गया। सूत्रों की माने तो यहां सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर हफ्ते में एक या दो दिन ही आती हैं और उपस्थिति पंजिका पर  थोक के भाव हस्ताक्षर कर चली जाती हैं।

यही नहीं इनके द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से एक धनराशि निश्चित कर ली गई है जिसके परिणाम स्वरुप आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी खूब मनमानी कर रही हैं गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशु के लिए आने वाला पुष्टाहार कालाबाजारी कर बेचा जा रहा है केंद्रों के खुलने और बंद होने का कोई समय नहीं रह गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा वर्तमान समय में पोषण सप्ताह चलाया जा रहा है और गर्भवती धात्री महिलाओं और छोटे छोटे नौनिहालों के लिए विभिन्न प्रकार के पोषाहार उपलब्ध कराए जा रहे हैं लेकिन इस पोषाहार की कालाबाजारी की जा रही है। वर्तमान में तैनात सीडीपीओ कि जब से यहां तैनाती हुई है तबसे पूरे क्षेत्र की बाल विकास परियोजना की व्यवस्था सरकारी मशीनरी के बलबूते ना चलकर भगवान भरोसे चल रही है।

सूत्र बताते हैं कि सीडीपीओ के लिए राजधानी राइट चॉइस बना हुआ है हफ्ते में एक-दो दिन आना घंटे 2 घंटे रुक कर गंतव्य की ओर रवाना हो जाना उनका शगल बन गया अगर शासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर ले तो हकीकत खुद ब खुद सामने आ जाएगी। इसी क्रम में बाल विकास परियोजना कार्यालय की कार्यप्रणाली से रूबरू होने के लिए जब आज रनापुर स्थित समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय का निरीक्षण किया गया तो शुक्रवार का दिन होने के बाद भी कार्यालय में कनिष्ठ सहायक विनय मिश्रा एवं मुख्य सेविका ज्ञानमती मिश्रा एवं मायादेवी ही मौजूद मिली।विनय मिश्रा द्वारा बताया गया कि इंचार्ज सीडीपीओ सीमा सचान और चपरासी जिला मुख्यालय पर आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में गए हुए हैं।जबकि मुख्य सेविका शशि गुप्ता व आशा रानी के क्षेत्र में होने की बात बताई गई।

यही नहीं उपस्थित पंजिका दिखाने से मना कर दिया। कहा कि यह है मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है सीडीपीओ होती तो हो आप को रजिस्टर दिखा सकती थीविभागीय निर्देश है कि सोमवार और शुक्रवार को मुख्य सेविकाए बाल विकास परियोजना कार्यालय में बैठकर विभागीय कार्य निपटाएंगी और समस्या लेकर आने वाली आंगनबाड़ी  कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं की समस्या का निस्तारण करेंगी। जब इस संबंध में इंचार्ज सीडीपीओ से फोन द्वारा संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जो मुख्य सेविकाये कार्यालय पर उपस्थित नहीं मिली है। उनका 1 दिन का वेतन रोकने की संस्तुति की जाएगी। 

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