कहते है की अपने घर से दोस्त या रिस्तेदार के घर जाने पर जो चार दिन तक मेहमान के रुप मे जो सम्मान मिलता उसका मजा ही कुछ और होता है । ठीक उसी प्रकार यह लीची का फल भी एक मेहमान के रुप में अपने समय पर नजर आता है। अब इस चार दिन के मेहमान को स्वाद लेने के लिए सबसे ज्यादा बच्चे उत्साहित रहते है ।ऐसे में यह मेहमान कब गायब हो जाए दुबरा अगले वर्ष ही मिलते है । इन सारी बातो को लेकर बखुबी से समझने वाले इस मेहमान का स्वाद लेने मे कुशीनगर जिले के पडरौना शहर के सुबाष चौक पर चंद दिनो की मेहमान बनकर आए इस लीची को खरीदने को लेकर एक परिवार कुछ जल्दी मे दिख रहे थे।
खट्टा-मीठा चंद दिनो की मेहमान लीची आई, बाजार की बढ़ाई रौनक
कहते है की अपने घर से दोस्त या रिस्तेदार के घर जाने पर जो चार दिन तक मेहमान के रुप मे जो सम्मान मिलता उसका मजा ही कुछ और होता है । ठीक उसी प्रकार यह लीची का फल भी एक मेहमान के रुप में अपने समय पर नजर आता है। अब इस चार दिन