साक्षरता प्रेरक लाचार- नही सुध ले रही सरकार

जयदीप शुक्ला के साथ जयप्रकाश ओझा की रिपोर्ट गोण्डा – मार्च 2017 से अल्प मानदेय पर कार्य करने वाले साक्षरता प्रेरकों की संविदा समाप्त होने के बाद इनको साक्षरता के काम से वंचित कर दिया गया तथा शासन के द्वारा जितने भी अन्य काम साक्षरता प्रेरकों से लिए जा रहे थे उसमें उनकी सेवा रोक

जयदीप शुक्ला के साथ जयप्रकाश ओझा की रिपोर्ट

गोण्डा –


मार्च 2017 से अल्प मानदेय पर कार्य करने वाले साक्षरता प्रेरकों की संविदा समाप्त होने के बाद इनको साक्षरता के काम से वंचित कर दिया गया तथा शासन के द्वारा जितने भी अन्य काम साक्षरता प्रेरकों से लिए जा रहे थे उसमें उनकी सेवा रोक दी गई।जनपद में लगभग 1700 साक्षरता प्रेरक व ब्लॉक समन्वयक जिला समन्वयक तैनात थे।


जिन्होने कई बार सरकार के प्रतिनिधियों और आला अफसरों से मिलकर अपनी सेवा बहाली व बकाया मानदेय की मांग की है। महत्वपूर्ण बात यह रही कि जब इनको सेवा से वंचित किया गया तो जनपद में साक्षरता प्रेरक व समन्वयक के 14 माह से लेकर 9 माह तक मानदेय बकाया था जो कि अभी तक इनका भुगतान सरकार के द्वारा नहीं किया गया है।


लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक संजीव शर्मा ने बताया कि उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों से मिलकर उनके समक्ष मानदेय भुगतान तथा सेवा विस्तार की बात मांग उठाई हैं।


श्री शर्मा जी द्वारा बताया गया कि सेवा विस्तार तो दूर की बात अल्प मानदेय पर कार्य करने वाले साक्षरता प्रेरकों का बकाया मानदेय ही नहीं भुगतान किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जनपद के लगभग 1700 साक्षरता कर्मी परिवारों का जीवन यापन कैसे हो ।

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