विकास कार्यों की जांच करने आई टीम लौटी बैरंग

ग्रामीणों ने जांच टीम को बताया बीरबल की खिचड़ी, कहा जब तक जांच टीम बदली नहीं जाएगी तब तक जांच में पारदर्शिता नहीं आएगा


स्वतंत्र प्रभात

महराजगंज। नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत विषखोप निवासी मनोज कुमार यादव ने शिकायत कर ग्राम पंचायत के पिछली पंच वर्षीय में ग्राम प्रधान द्वारा कराये गए कार्यों पर लाखों रुपए के गबन का आरोप लगाया था। जिसकी जांच के लिए शुक्रवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविंद गिरी, परामर्शदाता कार्यालय जिला पंचायत एवं सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की नामित तीन सदस्यीय टीम तीसरी बार ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंची।

 टीम ने समस्त कार्यों के अभिलेखों की फाईल तलब किया लेकिन अभिलेख अधूरे मिले जिसके कारण टीम किसी निष्कर्ष पर नही पहुंच सकी और बैरंग वापस लौट गयी। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जांच में अधिकारियों द्वारा नामित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की टीम तीसरी बार जांच करने पहुंची लेकिन हमेशा के भांति इस बार भी 

अभिलेख अधूरे होने की बात कहकर बैरंग लौट गई। वहीं स्थलीय जांच करने आई टीम ने ग्रामीणों को वहां से भगा दिया और अपने कुछ चहेते लोगों को लेकर निरीक्षण करने लगी। ग्रामीणों ने इस तीन सदस्यीय जांच टीम पर अनिमितता का आरोप लगाया है। 

उनका कहना था कि प्रशासन की मौजूदगी में चल रही स्थलीय जांच के दौरान ग्रामीणों को वहां से हटाकर जांच टीम क्या सिद्ध करना चाहती है। जबकि टीम ग्रामीणों से अधिक उक्त प्रकरण में कुछ भी नहीं जानती, वह केवल कागजी जांच कर रही है ना की स्थलीय। 


ग्रामीणों ने यह भी बताया कि यह नामित टीम इससे पहले भी दो बार स्थलीय जांच करने गांव में आ चुकी है, लेकिन आज भी टीम ने पूर्व की रटी रटाई शब्द अभिलेख नहीं मिलने की बात कह वापस लौट गई। ग्रामीणों ने बताया कि इस नामित टीम द्वारा जांच में पारदर्शिता नहीं 

मिल पायेगी, जबतक जिलाधिकारी द्वारा किसी अन्य सक्षम अधिकारी को जांच नहीं सौपी जायेगी। ग्रामीणों ने कहा कि यह नामित जांच टीम जबतक जांच से नहीं हटाई जायेगी तबतक यह विकास कार्य की जांच बीरबल की खिचड़ी की तहर पकती रहेंगी।
 

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