स्वतंत्र प्रभात
असोहा उन्नाव भृष्टाचार के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज बुलंद करने वाले तथा भाजपा के दिग्गज नेता विधानसभा अध्यक्ष प्रख्यात पत्रकार ह्दय नारायण दीक्षित ने शायद यह कभी नहीं सोचा होगा कि वह एमएलसी रहने के दौरान अपनी विकास निधि से जो रकम बारातशाला के लिए दे रहे हैं
उसका उपयोग की जगह दुरुपयोग होगा। लेकिन उनकी निधि से बनायी गयी बारातशाला जो ह्दयकुटी के नाम से असोहा ग्राम पंचायत के मजरा दुर्गाखेड़ा में छह साल पूर्व बनाया गया था उसकी बदहाली पर एक नजर डालना जरूरी है। इस भवन का उपयोग आज तक बारात के लिए नहीं किया गया।
यह भवन जिसकी लागत लगभग आठ लाख रुपये होगी इमारत लगभग चिटक रही है। इमारत की बाउंड्री के अन्दर गांव वालों ने अपनी तिल्ली उरद तथा आलू का खलिहान बना लिया बकरी बांधी जाने लगी। भवन जंगली जानवरों का बसेरा बन चुका है।
जंगली बबूल मिट्टी के ढेर गंदगी का अंबार लगा देखा जा सकता है। भवन की फर्श चटक गयी है। कहना तो यह उचित होगा कि यह बारातशाला भवन का पैसा बट्टे खाते में चला गया।