स्वतंत्र प्रभात
राजगढ़, मिर्जापुर। देश की सबसे बड़ी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा अब नियम व निर्देशों को ताक पर रखकर प्रधान व ब्लॉक कर्मियों के मिलीभगत से भ्रष्टाचार के हवाले चढ़ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि 20-21 अक्टूबर की मध्य रात्रि में स्थानीय विकास खंड के मिर्जापुर सोनभद्र मार्ग पर स्थित ददरा बाजार में सड़क के किनारे पानी निकासी के लिए मनरेगा के अंतर्गत ग्राम प्रधान द्वारा जेसीबी मशीन से खुदाई कराकर मजदूरों के हक पर जबरदस्त डाका डालकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। जिसकी सूचना तत्काल फोन से ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी नंदलाल कुमार को दे दी थी।
खंड विकास अधिकारी ने उस समय जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था, पर उसे खंड विकास अधिकारी द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिससे समूचे ब्लाक के प्रधान अब महसूस करने लगे कि लेबरों की जगह मशीन या अन्य उपकरण का भी प्रयोग करके पैसा कमाया जा सकता है। बस इतना ही नहीं बल्कि मजे की बात तो यह है कि बालू की जगह पूरी नाली की जुड़ाई भस्सी से की जा रही है
और ऊपर से बालू का प्रयोग कर प्लास्टर करके कार्य पर पर्दा डाला जा रहा है। जबकि यह कार्य ब्लॉक मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर हो रहा है। इसी प्रकार जमीन तल पर जो कंक्रीट एवं सीमेंट की मात्रा पड़नी थी और उसकी कुटाई होनी थी वह नाम मात्र का एक फॉर्मेलिटी कर गुणवत्ता विहीन कार्य करके नाली निर्माण कार्य संपन्न किया जा रहा है। जो जल्द ही छोटी मोटी बरसात में ढह कर गिर जाएगी। भ्रष्टाचार का आलम देखकर ग्रामीणों एवं मजदूरों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है कि स्थलीय सत्यापन कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किया जाए जिससे समूचे ब्लॉक और जनपद में संदेश जाए कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में लेबरों का प्रयोग किया जाना है
मशीन का या अन्य उपकरण का नहीं। इसे लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है और चर्चा का विषय है कि यदि एक बार इस तरह के भ्रष्टाचार के कारनामे करने वालों के खिलाफ उचित दंडात्मक कार्रवाई हो जाएगी तो मनरेगा के भ्रष्टाचार में काफी हद तक अंकुश लग जाएगा।