स्वतंत्र प्रभात
रिपोर्ट-आनंद मोहन
टांडा अम्बेडकर नगर। बेमौसम की बारिश से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई। किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए पानी में बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराया जाना था। सर्वे के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाना था। अक्टूबर माह में बारिश नहीं होती है कई बार हल्की फुल्की हो भी जाती हैं जिसके कारण फसल नुकसान नहीं होती है। लेकिन इस बार कई दिन तक लगातार भारी बारिश से खेत में धान की फसल जलमग्न हो गई थी।
बारिश इतनी थी कि खेतों में पानी भर गया इसमें खड़ी फसल बर्बाद हो गई किसानों के सपनों पर पानी फिर गया। टांडा तहसील क्षेत्र के रामपुर बेनीपुर के अहिरौली सागर पट्टी में सैकड़ों बीघा किसानों की धान की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हुई।
क्षेत्रीय लेखपाल राजकुमार मिश्र की लापरवाही के चलते किसानों की बर्बाद फसलों का आंकलन अभी तक नहीं हो सका। रविवार को आक्रोशित किसानों ने जल्द उचित मुआवजे की मांग की है। अब सवाल उठता है कि राजस्व कर्मी क्षेत्र में आते ही नहीं।
इनको कैसे पता चले क्षेत्र के किसानों का दर्द बरसात में फसलें बर्बाद हो या फिर मकान ध्वस्त ऐसे राजस्व कर्मी शासन के मंशा के विपरीत कार्य करने की वजह साफ है। तहसीलदार टांडा वंशराज ने बताया कि किसानों के बर्बाद फसलों का भौतिक सत्यापन कराकर फीडिंग कराई जा रही है। निर्धारित मुवावजा प्रदान की जायेगी। यदि राजस्व कर्मी की लापरवाही सामने आई तो कार्यवाही की जायेगी।