स्वतंत्र प्रभात,
भगवत कौशिक।भिवानी - रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
अब डेंगू ने अपने पैर पसार दिए है जिससे दिनप्रतिदिन रक्त की मांग बढती जा रही है इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।
आज भिवानी शहर के दो निजी अस्पतालों में 11 यूनिट फ़्रेश रक़्त की जरूरत पड़ी तो अशोक चाहर,रविप्रकाश,वरुण जांगड़ा, मनदीप,सोमबीर सिंह, सुमित कुमार, विजय कुमार,मुस्कान कुमारी ,गांव नाथूवास से योगेश कुमार व अनिल कुमार,मिताथल से सक्रिय रक्तवीरांगना जमना देवी जी ने ब्लड बैंक पहुंच कर रक्तदान किया। इस अवसर पर रक्तवीर मनीष वर्मा ने बताया कि रक्तदान से बढ़कर कोई दान नही है।
यह रक्त जरूरतमन्द आदमी को नया जीवनदान देता है।उन्होंने बताया कि रक्त की जरूरत थैलसीमिया ग्रस्त बच्चो, गर्भवती महिलाओं, दुर्घटनाग्रस्त लोगो के लिए प्लाज्मा व रक्त की सख्त जरूरत होती है।
इसलिए सभी युवाओं से निवेदन है कि रक़्तदान के लिए आगे आये और भिवानी को थैलिसिमीया मुक्त बनाये। रक्तवीर राजेश डुडेजा ने सभी रक़्तदाताओ का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर लैब टेक्नीशियन प्रवीण खोखर व मोनी उपस्थित थे।