आसीवन थाना का एक नया कारनामा

 आसीवन थाना बना दलालों का अड्डा


स्वतंत्र प्रभात 

उन्नाव उत्तर प्रदेश जहां पर योगी सरकार लगातार भ्रष्टाचार मुक्त कराने के बात कह रही है लेकिन धरातल पर ऐसा हरगिज़ नहीं है जबरदस्त खेला जाता है लेन-देन का खेल।हमेशा से सुर्ख़ियों में बना रहने वाला जनपद उन्नाव का थाना आसीवन जहां पर थाने के इर्द-गिर्द और थाने में मंडराते रहते हैं दलाल इस प्रकार थाना आसीवन बना दलालों का अड्डा जहां पर पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से गरीब आम जनता से अवैध वसूली करके इनकी दलाली का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है 

चाहे वह मिट्टी का खनन हो या फिर लकड़ी का कटान या छटान दारू के अड्डे या फिर जुए का खेल या फिर कोई अन्य प्रकरण को लेकर दलाल प्रशासन की मिलीभगत करके अवैध तरीके से मोटी रकम वसूल रहे है जिसमें थाना प्रभारी की मिलीभगत की बू नजर आ रही है।ताजा मामला थाना आसीवन का सामने आया है जिसमें आम के पेड़ों का छटान कर रहे लेबर को दीवान सतीश कुमार बाग से पकड़ कर आसीवन थाने लेकर आते हैं 


और फिर वहां पर शुरू होता है पुलिस प्रशासन का नंगा नाच और वहीं पर कथा कथित पत्रकार या फिर उन्हें कहां जाए एक बड़ा दलाल फिर वही पर थाना प्रभारी के कहने पर पीड़ित मजदूर से ₹20000 रूपये की जाती हैं डिमांड और कहा जाता हैं थाना प्रभारी बहुत ही गुस्सा में है जल्दी से पैसा लाकर दो नहीं तो आपके ऊपर संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हो जाएगा फिर वहीं पर पीड़ित के घर जाकर घर में रखे हुए 17000 ₹100 दबाव बनाकर लाया जाता है 


फिर थाने में होता है बंटवारे का खेल उसके बाद पीड़ित मजदूर को छोड़ दिया जाता है जब यह बात मीडिया तक पहुंचती तो मीडिया वाले थाना प्रभारी से बात करते हैं थाना प्रभारी कहते हैं मैंने तो पत्रकार के कहने पर उस लड़के को छोड़ दिया और बीच में आपका क्या लेनदेन हुआ उसमें मेरा कोई रोल नहीं जबकि पत्रकारों द्वारा थाना प्रभारी और तथाकथित पत्रकार से थाने में ही नोकझोंक हुई तब जाकर थाना प्रभारी अनुराग सिंह ने 


कहा 17000 हजार रुपए हम अपनी जेब से देता हूं और कहा की यह मत समझना कि हम ने पैसा लिया है सोचने की बात तो यह है अगर थाना प्रभारी ने पैसा नहीं लिया तो अपनी जेब से पैसा देने की बात क्यों कही कौन सा ऐसा अधिकारी है जो बिना लिए अपने जेब से पैसा वापस करेगा अगर थाना प्रभारी ने पैसा नहीं लिया तो वापस क्यों कर रहे है जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है लेकिन उसके बाद तथाकथित पत्रकार या 


फिर दलाल ने 17000 ₹100 में से सिर्फ पीड़ित मजदूर को ₹6000 वापस किए और 11000 ₹100 रूपये बाद में वापस करने के लिए कहा गया लेकिन अभी तक 11000 सो रुपए वापस नहीं किए गए यह है ये थाना आसीवन का जीता जागता कारनामा जो हमेशा सुर्खियों में छाया रहता है यहां गरीब व्यक्ति पूरी तरह से नंगा कर दिया जाता है देखना अब यह होगा ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों पर पुलिस अधीक्षक क्या कार्यवाही करते हैं।

About The Author: Swatantra Prabhat