सकरन पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम

जब कि इनके साथ के सभी थानेदारों का दबादला दो दो बार किया जा चुका है। 


स्वतंत्र प्रभात 
 

लहरपुर सीतापुर | तहसील लहरपुर के अंतर्गत आने वाले सकरन थाने की पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो रही है। जिसके चलते क्षेत्र में आये दिन आपराधिक घटनाओं के होने से समूचा क्षेत्र थर्राया हुआ है। 

बताते चलें जिले के गांजरी क्षेत्र के मलाईदार थाने पर विगत आठ माह से तैनात थानाध्यक्ष पुष्पराज कुशवाहा क्षेत्र में हो रही आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे है। प्रदेश सरकार में अच्छी पकड रखने व राजनैतिक वरदहस्त प्राप्त थाना प्रभारी द्वारा किसी संगीन मामले में रिपोर्ट दर्ज न करना तो आम बात हो गयी है। 


गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक द्वारा कई बार चलायी गयी तबादला एक्सप्रेस में सकरन एसओ को स्टेशन पर ही छोड दिया गया, जब कि इनके साथ के सभी थानेदारों का दबादला दो दो बार किया जा चुका है। 


और यह महोदय अधिकारियों व राजनैतिक संरक्षण  के चलते अंगद की तरह पैर जमाये हुये सकरन में ही बैठे है | इनके कार्यकाल के दौरान कच्ची शराब,अवैध पेंड कटान,व अवैध बालू खनन को काफी बल मिला है |


 वहीं घटनाओं का खुलासा तो दूर कई मामलों में मुकदमा तक दर्ज नही किया गया बानगी के तौर पर केस नम्बर एक-  अगस्त माह में क्षेत्र के टेंडवा गांव निवासी सरदार कृपाल सिंह के घर करीब पांच लाख की चोरी हुयी थी गृहस्वामी द्वारा दी गयी तहरीर पर एक हप्ते तक मुकदमा नही दर्ज किया गया उसके बाद सीओ के आदेश पर मुकदमा तो दर्ज हो गया लेकिन खुलासा अभी तक नही हो सका।


केस नम्बर दो- विगत 20 जुलाई की रात थाना क्षेत्र के इटौवा गांव निवासी राज द्विवेदी के घर घुसे चोर जेवर व नकदी समेत करीब सात लाख की कीमत का सामान चोरी कर ले गये थे घटना का खुलासा तो दूर मुकदमा तक दर्ज नही हुआ।


केस नम्बर तीन - 17 जुलाई को क्षेत्र के सोहरिया गांव निवासी रामकिशोर यादव के घर हुयी चोरी की रिपोर्ट दर्ज नही की गयी। इस प्रकार की दर्जनों घटनायें इनके कार्यकाल में हुयी है जिनका खुलासा तो दूर सकरन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी।
 

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