मछुआरों द्वारा बांध बनाकर पानी रोंकने से पैदा हुए भयावह हालात

पानी घुस गया है और हजारों एकड़ खड़ी फसल जलमग्न हो गई है 


स्वतंत्र प्रभात


  अयोध्या। मिल्कीपुर तहसील के बिभिन्न गांवो से होकर बहने वाली तमसा नदी के रौद्र रूप से अमावा सूफी गांव टापू बन कर रह गया है अमावा सूफी गांव को जोड़ने वाली अमावासूफी सधार पुर मार्ग पर बना पुल पानी में लापता सा हो गया है पुल के ऊपर 4 फुट पानी बह रहा है जबकि राम नगर चौराहे से अमावा सूफी को जोड़ने वाले मार्ग पर दो से 3 फुट पानी भरा हुआ है दर्जनों की संख्या में घर में पानी घुस गया है और हजारों एकड़ खड़ी फसल जलमग्न हो गई है 

सबसे बड़ी समस्या बेजुबान जानवरों के चारे पानी को लेकर खड़ी हो गई है और बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने पशुओं के साथ गांव के आने जाने वाले खडंजे के ऊपर अपना आसरा ले लिए हैं और वहीं पर अपना ठिकाना बना चुके हैं गांव में एक और जहां पानी घुस जाने से महामारी फैलने का खतरा हो गया है वहीं दूसरी ओर गांव में लगाए गए आधा दर्जन से अधिक इंडिया मार्क 2 हैंड पंप पानी में डूब गए हैं और लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं


 इस सब समस्या की जड़ मिल्कीपुर तहसील के राजा का पुरवा और कीन्हूपुर के वह मछुआरे हैं जिनके ऊपर प्रशासन का कोई भय और दाब नहीं है इन मछुआरों ने तमसा नदी में बांध बनाकर नदी के बहाव को रोक दिया है जिसके कारण निचले इलाकों में यह समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है 

एक और जहां हजारों एकड़ खड़ी फसल जलमग्न हो गई है और किसानों की कमर टूट गई है वहीं दूसरी ओर बड़े बड़े हवाई दावे करने वाले प्रशासन की पोल खुल कर रख सामने आ गई है प्रशासन के दावों पर अगर विश्वास किया जाए तो अमावा सूफी गांव उनके मुंह पर एक तमाचा जैसा है मीडिया कर्मियों के एक समूह द्वारा अमावासूफी गांव में ग्राउंड जीरो पर जाकर जब मौके का मुआयना किया गया 


तो वहां की तस्वीर भरावा देखने को मिली ग्राम पंचायत के मजरे पूरे कोहली में रहने वाले बद्री प्रसाद मिश्रा के घर के चारों तरफ पानी भरा हुआ है और घर की महिलाएं पानी के भीतर से होकर के सड़क पर जानवरों के लिए चारा का इंतजाम करती हुई देखी गई वहां से आगे बढ़ने के बाद जैसे ही हम प्राथमिक विद्यालय ग्राम पंचायत अमावा सूफी पहुंचे वहां आधा दर्जन घरों में पानी घुसा हुआ है ग्रामवासी जयचंद पांडे पांडे करिया सिंह राज नाथ आदि के घरों में पानी साफ-साफ घुसा हुआ दिखाई दिया

 यहां तक कि ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के खेलने के मैदान पर भी पानी भरा हुआ दिखाई पड़ा इसके बाद जब हमारी टीम अमावस उसी से सधारपुर को जोड़ने वाले एकमात्र संपर्क मार्ग पर पहुंची तो वहां सड़क पर पुल के ऊपर 4 फुट तक पानी बहता हुआ दिखाई दिया इस पुल के पास स्थित ग्रामीणों के घर जमींदोज हो गए हैं 


वहीं ग्रामीण खडंजे के ऊपर अपने जानवरों के साथ रहने को मजबूर हो रहे हैं वह किसी तरह से त्रिपालतान कर अपना जीवन बसर कर रहे हैं इसके बाद मीडिया कर्मियों की टीम को अमावासूफी गांव के पश्चिम स्थित तमसा का रौद्र रूप देखने को मिला जहां पर हजारों एकड धान की खड़ी फसल तमसा के आगोश में समा गई है और किसानों की कमर टूट गई है अमावासूफी ग्राम पंचायत के किसानों से जब हमने बात की तो उनका कहना था


 कि अब हमारे बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है इसके बाद जब हमारी टीम अमावासूफी गांव से रामनगर चौराहे की ओर आने वाली सड़क पर गई तो वहां का दृश्य और भी दिल को झकझोर देने वाला था वहां अपने पैंट को निकालकर लोग पानी में घुस कर आने जाने को बिबस दिखाई दिए यहां आधा दर्जन घरों में पानी घुस चुका है जबकि रामनगर गांव में रहने वाले हैं 


सर्व प्रसाद मंगरु मुनेश्वर फागू लाल आदि के घर पानी से चारों तरफ घिर से चुके हैं आमावासूफी के प्रधान प्रतिनिधि संतोष कुमार मिश्रा से जब हमने बात किया तो उनका कहना था कि शासन और प्रशासन में गुहार लगाने के बाद भी इस मामले में प्रशासन का रवैया सहयोगात्क नहीं दिखाई पड़ रहा है आज बड़ी संख्या में ग्रामीण तमसा का पानी कटवाने के लिए सड़क पर उतरे और राजा का पुरवा कीश्हूनीपुर गांव में जाकर के


 तमसा के बहते पानी को रोंककर बनाये गये बांध को हटाने के साथ बहाव को सही करवाने का प्रयास किया जिस पर मछुआरों द्वारा आमादा फौजदारी होने की स्थिति बन गई सबसे बड़ी विडंबना यह है कि एक और जहां तहसील प्रशासन का रवैया आम जनमानस के लिए किसी भी कीमत पर सहयोग जनक नहीं है वही लग्जरी गाड़ियों में सड़कों पर फर्राटा भरने वाले जनप्रतिनिधियों को गांव में जाकर हाल-चाल लेने तक का मौका

 नहीं मिल रहा है जनता के दुख दर्द के ये नुमाइंदे केवल हवा में तीर चलाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं कहने को तो किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार है लेकिन अमावा सूफी की तस्वीर दिल को झकझोरने के साथ आंख खोलने के लिए काफी है देखना होगा कि शासन प्रशासन के साथ जनता के प्रतिनिधि कहलाने वाले जनप्रतिनिधियों के आंख पर बंधी यह पट्टी कब खुलती है और इस मामले में अब वे क्या कार्रवाई करते हैं

अकेले अमावासूफी गांव तमसा नदी से प्रभावित नहीं है अमावा सूफी के साथी मिल्कीपुर तहसील से संबंधित बकौली चंदौरा डीली सरैया कंदई कला रामनगर मनसा मित्र आदि गांव की हजारों एकड़ खड़ी फसलें जलमग्न हुई हैं वहीं रुदौली तहसील के ग्राम पंचायत मांगी चांदपुर सधादारपुर बेतौली आदि गांव में भी तमसा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हरकेश कुमार शुक्ला उर्फ बब्बन शुक्ला ने जिला प्रशासन से इस मामले में अभिलंब कार्रवाई करने की मांग की है ।
 

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