राहगीरों के लिए मुसीबत साबित हो रहा गनेशपुर मार्ग
रमेश कुमार यादव/अरुण देव पाठक
बलरामपुर जूडीकुइयां जैतापुर रोड बेहद खराब होने से हजारों राहगीरों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जान जोखिम में डालकर इस सड़क पर चलना क्षेत्रवासियों के लिए मजबूरी बन गई है जुडीकुइयां से गनवरिया गांव तक लगभग 20 किलोमीटर लंबी सड़क टूटकर जर्जर हो गई है
सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क इस बात का पता ही नहीं चलता इस सड़क के आसपास पचपेड़वा बरगदवा बरगदही सिसहानिया इंदिराडीह गनेशपुर कस्बा रतनपुर सहित 4 दर्जन से अधिक गांव पड़ते हैं इन गांव के लगभग पचास हजार की आबादी इससे प्रभावित हो रही है इसके अलावा उतरौला से पचपेड़वा आने-जाने वाले हजारों लोगों को आवागमन इसी मार्ग से होता है
आए दिन वाहनों का खराब होना तथा दुर्घटना होना इस मार्ग पर आम बात है उल्लेखनीय है कि सन 2012 में इसी मार्ग से होकर राहुल गांधी पचपेड़वा से उतरौला होकर गोंडा गए थे और उन्होंने गनवरिया गांव के एक साधारण होटल पर चाय पीते समय सड़क बनाने का वादा ग्रामीणों से किया था और लगभग 27 किलोमीटर सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से तत्कालीन कांग्रेस की केंद्र सरकार ने
स्वीकृत किया था परंतु निर्माण के समय भारी कमीशन खोरी के चलते ठेकेदारों ने सड़क की चौड़ाई 1 फीट कम कर दिया और मानक गुणवत्ता विहीन सड़क होने के कारण मात्र 4 माह में ही सड़क टूट गई और ठेकेदार ने इस सड़क मरम्मत करने का भी जहमत नहीं उठाया गौरतलब हो कि सन 1997 में कल्याण सिंह की मुख्यमंत्री ने चंदनपुर अयोध्या मार्ग को राजमार्ग घोषित किया था परंतु सरकार भंग हो जाने के कारण इस पर कोई कार्य नहीं हो सका जबकि पचपेड़वा से अयोध्या की दूरी मात्र 125 किलोमीटर है
और क्षेत्रवासियों को बलरामपुर गोंडा होकर 160 किलोमीटर से अधिक मार्ग तय करके अयोध्या पहुंचना पड़ता है और यदि बस्ती होकर अयोध्या की यात्रा की जाए तो यह दूरी 200 किलोमीटर से भी अधिक है परंतु क्षेत्रवासियों का दुर्भाग्य ही रहता है के तीन दशक से यह सड़क अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है इस सड़क के निर्माण से क्षेत्रवासियों का व्यापार बढ़ेगा ही किसानों का उत्पादन मंडी तक पहुंचने में भी सुविधा बढ़ेगी और धार्मिक नगरी अयोध्या का दर्शन कर श्रद्धालु सुख शांति का अनुभव कर सकेंगे
भाजपा विधायक शैलेश कुमार सिंह शैलू ने इस संबंध में बताया कि उतरौला से पचपेड़वा तक 42 किमी लंबी सड़क ऊंची करण टू लाइन पास करवाया गया था परंतु लगभग 20 किमी सड़क पीएम जेएस वाई होने के कारण धन वापस चला गया बाद में शासन से सड़क को पीएमजीएस वाई मुक्त कराकर ठेकेदारों को काली सूची में डलवाया गया है और पुनः इस सड़क को स्वीकृत करवाया गया है और शीघ्र यह सड़क बनने वाली है