स्वतंत्र प्रभात :-
हाल के समय में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध को बढ़ावा मिला है चाहे फ़िर हाथरस कांड, लखीमपुर खीरी ,या बंदायु बलात्कार कांड हो। दुष्कर्म और अन्य मामले हैं जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद शासन और प्रशासन दुष्कर्म प्रवृत्तियों को रोकने में नाकाम रहे हैं।
और एक बार फिर साबित हो गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार अपराध को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी लेकिन यह घटनाएं इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि सरकार की बात का कितने अच्छे से पालन हो रहा है?
महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा कोई नई बात नहीं है चाहे प्राचीन समय रहा हो, वर्तमान समय और आधुनिक समय इन सब में महिलाओं के खिलाफ हिंसा होती रही है और 2020 जो कि दुनिया के लिए कोविड-19 इस साल के नाम से जाना जाता है जिसमें सरकार ने देश से अपील करके लॉकडाउन को लागू किया था लेेेकिन घरेलू हिंसा के मामले मानसिक उत्पीड़न और बच्चों से संबंधित मुद्दे एक गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
एक सर्वे के मुताबिक घरेलू हिंसा में महिलाओं के द्वारा अपने पति से उत्पीड़न के मामले में कर्नाटक सर्वोच्च स्थान पर है।
— सन्तोष गंगवार (पीलीभीत)