जेएनयू की घटना को लेकर अमुवि छात्रों में उबाल,निकालेगें तिरंगा यात्रा,प्रशासन अलर्ट

जमालपुर चुंगी पर विरोध प्रदर्शन करते छात्र अलीगढ़। रविवार देरशाम जेएनयू की अध्यक्ष और उनके साथियों पर एबीवीपीसदस्यों के हमला किए जाने की खबर जैसे ही अमुवि पहुंची, वैसे ही छात्रआंदोलित हो उठे। आनन-फानन में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।करीब 150-200 छात्रों का काफिला जुलूस की शक्ल में चुंगी के पास पहुंचगया। हालांकि,


जमालपुर चुंगी पर विरोध प्रदर्शन करते छात्र

अलीगढ़। रविवार देरशाम जेएनयू की अध्यक्ष और उनके साथियों पर एबीवीपी
सदस्यों के हमला किए जाने की खबर जैसे ही अमुवि पहुंची, वैसे ही छात्र
आंदोलित हो उठे। आनन-फानन में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
करीब 150-200 छात्रों का काफिला जुलूस की शक्ल में चुंगी के पास पहुंच
गया। हालांकि, पहले से मुस्तैद फोर्स ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
बहरहाल, चुंगी गेट पर विरोध प्रदर्शन करते। फिर वह बाब-ए-सैयद पर आ गए,
जहां जमीन पर मोमबत्ती जलाकर विरोध करते रहे। छात्रों ने बीएचयू, जामिया,
जेएनयू, छात्र एकता जिंदाबाद के नारे लगाए। छात्रों को रजिस्ट्रार अब्दुल
हमीद ने समझाया-बुझाया।
जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष व उनके साथियों पर हुए हमले के
विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने परिसर में प्रदर्शन
किया। साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ नारेबाजी
की। भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। छात्रों के तेवर देख
पुलिस-प्रशासन सक्रिय हो गया। 15 दिसंबर की रात हुए बवाल के मद्देनजर
बाब-ए-सैयद, चुंगी सहित चारों ओर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए।
उधर, पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि जेएनयू में बाहरी गुंडों को
बुलाकर घटना को अंजाम दिया गया। यह अफसोसजनक है। जामिया, जेएनयू व एएमयू
को बचाना जरूरी है। अगर ये नहीं बचे तो देश नहीं बचेगा। एबीवीपी पर
प्रतिबंध लगना चाहिए। यह लोग देश का बंटवारा कराना चाहते हैं।
तिरंगा मार्च को लेकर सुरक्षा बढ़ी
सोमवार को एएमयू में तिरंगा मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च दोपहर तीन बजे
से मास कम्युनिकेशन विभाग से बाब-ए-सैयद तक निकलेगा। तिरंगा मार्च को
लेकर सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा बढ़ा दी गई है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवसिर्टी में पांच जनवरी तक अवकाश था, जिसे आगे बढ़ा
दिया गया, लेकिन रविवार देर शाम छात्र जिस तरह एकत्र हुए, उससे इंतजामिया
फिक्रमंद हो गया था। कहीं छात्र धरना देना शुरू न कर दें। इसलिए
इंतजामिया ने छात्रों को समझा-बुझाकर वापस कर दिया।

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