24 घंटे की ड्यूटीको 48 घण्टों में बदलना होगा-कोतवाल आलमगीर ।

24 घंटे की ड्यूटीको 48 घण्टों में बदलना होगा-कोतवाल आलमगीर । ए •के • फारूखी ( रिपोर्टर ) ज्ञानपुर,भदोही । पुलिस की ड्यूटी 24 घण्टे की होती है लेकिन हमें यही 24 घण्टे को 48 घण्टों में बदलना होगा, तभी कोतवाली क्षेत्र का अपराध कम पड़ेगा। पीड़ित को थाने पर न्याय मिल जाए तो उसे

24 घंटे की ड्यूटीको 48 घण्टों में बदलना होगा-कोतवाल आलमगीर ।

ए •के • फारूखी ( रिपोर्टर )

ज्ञानपुर,भदोही ।

पुलिस की ड्यूटी 24 घण्टे की होती है लेकिन हमें यही 24 घण्टे को 48 घण्टों में बदलना होगा, तभी कोतवाली क्षेत्र का अपराध कम पड़ेगा। पीड़ित को थाने पर न्याय मिल जाए तो उसे उच्चाधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पुलिस के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाने के लिए  पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाया जाएगा व अपराधियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। उक्त बातें क्राइम कोतवाल ज्ञानपुर आलमगीर ने कोतवाली का प्रभार संभालने के बाद कही।

कोतवाल प्रभारी का चार्ज  संभालते हुए आलमगीर ने बताया कि इलाकों में क्राइम कंट्रोल करने के लिए कस्बा इंचार्ज सुनील यादव व चौकी इंचार्ज असनांव बाजार के साथ बैठक करते हुए उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए  हैं।कि अपराधी चाहे जितना भी प्रभावशाली क्यूँ न हो,पुलिस की नजर से बच नहीं पायेगा। तभी हम अपना बेहतर परफारमेंस दे पाएंगे।

कहा कि पीड़ित को थाने पर ही उचित न्याय मिले इसको लेकर दोनों चौकी के इंचार्जो को निर्देश दिए गए हैं कि वह पहले चौकी स्तर पर ही पीड़ितों की हर सम्भव मदद करें। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते ही पीड़ित को न्याय मिलेगा तो जनता के दिल में पुलिस के प्रति भरोसा उत्पन्न होगा।

बता दें कि बीते सोमवार को पुलिस अधीक्षक भदोही रामबदन सिंह ने गोपीगंज के कोतवाल को इलाके के बदरी गांव में हुई अबोध बालक के नृशंस हत्या के मामले में लापरवाही के चलते लाईन हाजिर कर दिया है। जिनके स्थान पर ज्ञानपुर के प्रभारी निरीक्षक के.के.सिंह को गोपीगंज का चार्ज सौंप दिया है ।

महिला सुरक्षा को लेकर प्रभारी निरीक्षक ज्ञानपुर आलमगीर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार के साथ-साथ पुलिस के उच्चाधिकारियों की प्राथमिकता में शामिल है। मेरे कोतवाली क्षेत्र में कोई ऐसी घटना न घटे इसको लेकर मेरा पूरा प्रयास रहेगा। महिला की सुरक्षा और उनके स्वाभिमान को लेकर कोतवाली पुलिस उनके साथ हमेशा खड़ी रहेगी।

बीते दिनों हुई एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ इंचार्ज ऐसे भी हैं जो घटना को हलके में लेते हैं, घटना के पीछे क्या मोटिव है उसका पता नहीं लगा पाते हैं, जिससे माहौल बिगड़ जाता है।उन्होंने कहा कि क्षेत्र  में कानून का राज स्थापित करना उनकी प्राथमिकता है। शासक बनकर नहीं सेवक बनकर पीडितों को न्याय दिलाना है।

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