ग्राम पंचायतों के सामने बनी हुई हैं कई काफी चुनौतियां..!—- बृज मोहन

ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना होगा.. प्रदीप दुबे (रिपोर्टर ) औराई भदोही । औराई ब्लॉक प्रमुख बृज मोहन मिश्रा (विकास) ने ग्राम पंचायतों के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की संकल्पना को साकार करने के लिए सरकार ने 1993 में ही पंचायती राज

ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना होगा..

प्रदीप दुबे (रिपोर्टर )

औराई भदोही ।

औराई ब्लॉक प्रमुख बृज मोहन मिश्रा (विकास) ने ग्राम पंचायतों के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की संकल्पना को साकार करने के लिए सरकार ने 1993 में ही पंचायती राज अधिनियम लेकर आई थी। जिसका उद्देश्य था पंचायतों को सशक्त बनाना।

इसके अलावा पंचायतों को और अधिक से अधिक मजबूत करने के लिए बाकायदा संविधान में इनके लिए स्थान दिया गया है, जो इनके महत्त्व को बताता है। लेकिन आज हम 2020 में खड़े हैं, इसके बाद भी ग्राम पंचायतों के सामने कई चुनौतियां बनी हुई हैं। पहली और मूल समस्या ग्राम पंचायतों की वित्तीय स्थिति है।

हम अच्छी तरह जानते हैं कि देश की ग्राम पंचायतें धन के लिए राज्य और केंद्र सरकार पर निर्भर हैं और इसी कारण पंचायतों को मनरेगा या अन्य कार्यों के भुगतान करने में समस्या आती है। इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मसलन, महामारी के दौरान मजदूर बड़ी संख्या में शहरों से अपने गांव की ओर लौटे।

इन्हीं को ग्राम पंचायतों द्वारा स्कूलों में या अन्य सरकारी भवनों में एकांतवास में रखा गया था। इन मजदूरों को बुनियादी सुविधा प्रदान करने के मामले में ग्राम पंचायतों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था।दूसरी समस्या ग्राम पंचायतों के पास सीमित अधिकार होना। जैसे ग्राम पंचायतों को ग्राम में किसी कल्याणकारी कार्य को करने के लिए प्रखंड विकास अधिकारी के दफ्तरों के चक्कर लगाने होते हैं।

तीसरी समस्या यह है कि आज हम तकनीक के युग में जी रहे हैं और ऐसे में जरूरी है कि हमारी ग्राम पंचायतें तकनीकी स्तर पर सशक्त हों। सरकार द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल आरंभ किया गया था, जिस पर अभी भी कई ग्राम पंचायतों की बेहतर जानकारी उपलब्ध नहीं है।

इसके अलावा ग्राम पंचायतों के विकास की चौथी समस्या यह है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं!जिसके चलते यह अपनी मूल यात्रा में असफल हो जाती है। इसलिए सरकार को ध्यान देने की जरूरत है कि अगर उसको आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करना है तो सबसे पहले हमें ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना होगा, तभी जाकर असल मायने में भारत भी आत्मनिर्भर बनेगा।

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