
औद्योगिक क्षेत्र में फैले प्रदूषण से क्षेत्रवासी घुट-घुटकर जीने को मजबूर
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। अधिकाधिक लाभ कमाने की दौड़ में शामिल धनलोभी उद्योगपति जनपदवासियो की जान के दुश्मन बन चुके हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित चमड़ा तथा केमिकल इकाईयो की मनमानी से फैला प्रदूषण और विकलांगता स्वयं बयां कर रही है।6 आलम यह है कि इस क्षेत्र से निकलना
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। अधिकाधिक लाभ कमाने की दौड़ में शामिल धनलोभी उद्योगपति जनपदवासियो की जान के दुश्मन बन चुके हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित चमड़ा तथा केमिकल इकाईयो की मनमानी से फैला प्रदूषण और विकलांगता स्वयं बयां कर रही है।6 आलम यह है कि इस क्षेत्र से निकलना है तो आपकी पीठ पर आक्सीजन सिलेण्डर और मुंह में मास्क होना जरूरी है वर्ना पता नहीं कहांए किस मोड़ पर आप गश खाकर गिर पड़ें। कमोवेश यही हाल यहां आसपास क्षेत्र के रहने लोगों का है
-
औद्योगिक क्षेत्र में फैले प्रदूषण से क्षेत्रवासी घुट-घुटकर जीने को मजबूर
जो अपनी छतो पर दस मिनट के लिए भी जाने से कतराते हैं घरो के अन्दर रहने के लिए भी नियमित रूप से रूम स्प्रे का छिड़काव करना पड़ता है।औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात उन्नाव आज नर्क का द्वार बन चुकी है। जहां के लोगों की जिन्दगी कचड़ाए कीचड़ च सड़ांध से घुट.घुटकर दम तोड़ रही है। दहीचैकी औद्योगिक क्षेत्र में चमड़ा एवं केमिकल इकाईयो की मनमानी से भूगर्भ जल दिन.प्रतिदिन नष्ट होता जा रहा है।
जहां संचालित इण्टरनेशनल सुपर हाउसए ओमेगा इण्टरनेशनल जैसी विश्वस्तरीय इकाईयो द्वारा रसायनिक केमिकलयुक्त पानी तथा बिना ट्रीट किया हुआ गंदा पानी खुलेआम बहाया जा रहा है जिससे जिले का भूगर्भ इतना प्रदूषित हो चुका है कि पीने योग्य नहीं बचा है। प्रदूषित जल से लोगों में घातक बीमारियां घर कर रही हैं। स्वतंत्र प्रभात औद्योगिक नगरी की मनमानी को लगातार उजागर कर रहा है लेकिन जिला प्रशासन के कान में जूं नहीं रेंग रहा है।
जिले के तीन छोरो दहीचैकीए बंथर तथा अकरमपुर में स्थित चमड़ा तथा केमिकल इकाईयां नगर के भूगर्भ जल को दिनण्प्रतिदिन क्षति पहुंचा रही हैं। वैसे तो इन फैक्ट्रियों के लिए मानक निर्धारित किये गये हैं तथा जल शोधन के लिए ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट भी स्थापित हैं परन्तु यह फैक्ट्रियां कभी भी इन मानको का पालन नहीं करती हैं और रात के अंधेरे में फैक्ट्रियों तथा केमिकल इकाईयो द्वारा निकलने वाला पानी सीधे बोरवेल के माध्यम से भूगर्भ जल में पहुंचा दिया जाता है अथवा टैंकरो के माध्यम से सीधे लोन नदी में उड़ेल दिया जाता है
जो आसपास की भूमि को उसरीला करता हुआ सीधे गंगा में प्रवेश कर जाता है। सूत्रो की माने तो लखनऊ.कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के औद्योगिक क्षेत्र दहीचैकी स्थित सुपर हाउस व बंथर स्थित ओमेगा इण्टरनेशनलए केलको ट्रेनरीए पेप्सिको टेनरी तथा पिंजा टेनरी में मानको को दर.किनार कर मनमानी की जा रही है। चूंकि जल शोधन के लिए ट्रीटमेन्ट प्लान्ट में भारी.भरकम धनराशि करनी पड़ती है लिहाजा मात्र दिखावे के लिए सौ.दो सौ लीटर पानी ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट भेजा जाता है शेष पानी बिना फिल्टर किये ही यूपीएसआईडीसी के नाले से गंगा में बहा दिया जाता है।
जिसके चलते केन्द्र सरकार की नमामि गंगे योजना पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। आलम यह है कि यह जहरीला पानी जिन.जिन रास्तो से होकर गुजरता है वहां आसपास खेतो की कृषि योग्य भूमि उसरीली हो गयी है तथा यह पानी पीने वाले जानवर भयंकर बीमारियांे की चपेट में आकर असमय मौत के मुंह में समा रहे हैं लेकिन अत्याधिक धन कमाने के लालच में यह फैक्ट्री स्वामी इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें आम जनमानस पर पड़ रहे इस दुष्प्रभाव से कोई मतलब नहीं है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel
भारत
खबरें
शिक्षा

Comment List