इनायत ओवरसीज फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला धुंआ लोगों के लिए प्राणघातक

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। कोरोना काल में जब लोगों को सांस लेना भी दूभर हो रहा है। वातावरण में फैले वायरस से बचाव के लिए लोग मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे हैं। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही से औद्योगिक क्षेत्र बंथर में स्थापित चमड़ा तथा केमिकल फैक्ट्रियां जहरीला धुंआ फेंककर वायु प्रदूषण

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। कोरोना काल में जब लोगों को सांस लेना भी दूभर हो रहा है। वातावरण में फैले वायरस से बचाव के लिए लोग मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे हैं। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही से औद्योगिक क्षेत्र बंथर में स्थापित चमड़ा तथा केमिकल फैक्ट्रियां जहरीला धुंआ फेंककर वायु प्रदूषण फैला रही हैं जिससे आसपास क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित होने के साथ ही क्षेत्रीय लोगों में श्वांस सहित अन्य घातक बीमारियां घर कर रही हैं और प्रदूषण विभाग इन फैक्ट्रियों से मोटी माहवारी लेकर सबकुछ जानकर भी अंजान बना रहता है।

औद्योगिक क्षेत्र बंथर स्थित राजधानी मार्ग पर संचालित इनायत ओवरसीज फैक्ट्री इन दिनो अपनी अनियमितता को लेकर चर्चाओं में है। इस फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला धुंआ वातावरण को इतना जहरीला बना रहा है कि आसपास के लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है। वहीं चिमनी से उड़ने वाले धुंए के साथ जलाये जाने वाले चमड़े की राख भी उड़कर लोगों के घरो तक पहुंचती है तथा आसपास के हरे-भरे पेड़ो पर पड़कर उन्हें नष्ट कर रही है जिससे आसपास क्षेत्र की हरियाली पर भी ग्रहण लग रहा है।

साथ ही यह राख लोगों के भोजन व पानी के जरिये उनके शरीर में जाकर घातक बीमारियां उत्पन्न कर रही है लेकिन बड़ी-बड़ी हवेलियों में रहने वाले तथा बिसलहरी का पानी पीने वाले इन धनपशुओं को इन सबसे कोई वास्ता नहीं है। वह तो जब भी कोई अधिकारी जांच-पड़ताल करने पहुंचता है तो उसके मुंह पर चांदी का जूता मारकर मुंह बन्द कर देते हैं। कभी हरे-भरे पेड़ो तथा गंगा का किनारा होने के कारण अपनी सुन्दरता के लिए जाना जाने वाला औद्योगिक क्षेत्र बंथर आज इन उद्योगपतियो की मनमानी से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।

सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इन उद्योगपतियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया विभाग क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी जिले में मृतप्रायः साबित हो रहा है क्योंकि इनकी मनमानी पर यदि एक बार बड़ी कार्यवाही हो जाये तो शायद मनमानी पर हमेशा के लिए अंकुश लग जाये लेकिन जनपदवासियों का दुर्भाग्य है कि औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हुआ उन्नाव जल, ध्वनि तथा वायु प्रदूषण के कारण अपनी हरियाली खोता जा रहा है।

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