कभी कभार लोग जनप्रतिनिधि को ग़लत जानकारी देकर गुमराह कर देते हैं जनता के दुख दर्द का साथी

स्वतंत्र प्रभात उन्नाव ब्यूरो कभी कभार लोग जनप्रतिनिधि को ग़लत जानकारी देकर गुमराह कर देते हैं जनता के दुख दर्द को अपना दर्द मानकर समाज की सेवा का संकल्प लेकर राजनीति में उतरे सदर विधायक पंकज गुप्ता यूं ही अचानक किसी की कृपा प्राप्त करके राजनीति में विधायक के पद तक नहीं पहुंचे बल्कि अपने

स्वतंत्र प्रभात उन्नाव ब्यूरो कभी कभार लोग जनप्रतिनिधि को ग़लत जानकारी देकर गुमराह कर देते हैं जनता के दुख दर्द को अपना दर्द मानकर समाज की सेवा का संकल्प लेकर राजनीति में उतरे सदर विधायक पंकज गुप्ता यूं ही अचानक किसी की कृपा प्राप्त करके राजनीति में विधायक के पद तक नहीं पहुंचे बल्कि अपने पिता लोली बाबू के नाम से जनपद और आस पास के जिलों में समाजसेवक के रुप में प्रसिद्ध पिता के पद चिन्हों पर चलते हुऐ इस मुकाम तक पहुंचे। बहुत ही सरल स्वभाव के स्वामी पंकज भाई ने भाजयुमो से राजनीति शुरू की कई बार अकेले बैठने पर पुराने समय में आप बीती भी बताई कि किस प्रकार कार्यकर्ताओं को समस्याओं से जूझना पड़ता है। तमाम नेता पद पा जाने के बाद भूल जाते हैं

कभी कभार लोग जनप्रतिनिधि को ग़लत जानकारी देकर गुमराह कर देते हैं जनता के दुख दर्द का साथी
कभी कभार लोग जनप्रतिनिधि को ग़लत जानकारी देकर गुमराह कर देते हैं जनता के दुख दर्द का साथी

कि कार्यकर्ताओं ने किस तरह रात दिन चुनावों में जमीन पर बैठ, सोकर , भूखे रहकर, पोस्टर बैनर लगा नारे बाजी कर अपने नेता को चुनाव जितवाया जीतने के बाद नेता उस जमीनी कार्यकर्ता को भूल जाता है। लेकिन पंकज भाई आज तक अपने कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये कार्यों को नहीं भूले वो चाहे नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान का रहा हो हमेशा कार्यलय या घर के द्वार रात हो या दिन किसी के लिए बन्द नहीं रहे जिस प्रकार नगरपालिका अध्यक्ष रहते हुए समाज हित के कार्य किये रास्ते में सड़क पर लोगों ने गाड़ी के आगे खड़े होकर रोक कर उनसे कार्य कराये उन्होंने कभी बुरा नहीं माना अपनी चिरपरिचित मुस्कान के साथ अपने से बड़ों का आदर पूर्वक सम्मान वह छोटों के साथ प्यार भरा व्यवहार कहीं न कहीं जनता के दिलों में गहरी पैठ बनाता चला गया

सरल स्वभाव के पंकज भाई जहां लोगों ने चाहा बैठ गये कभी कुर्सी पर ही बैठने का इगो नहीं रखा लोगों ने उन्हें जमीन पर बैठाया तो बैठ गये। यही कारण रहा कि लोगों के दिलों में शहर ही नहीं पूरे जनपद के लोगों के दिलों में आज पंकज भाई बैठ गये। किसी भी विधान सभा का मामला हो लोग विश्वास के साथ अपने कार्यों को लेकर पंकज भाई के पास आते हैं और सन्तुष्ट होकर उनकी जय जय कार करके जाते हैं। शायद उनकी बढ़ती लोकप्रियता को लेकर उनके विरोधी उनके खिलाफ षड्यंत्र रचते रहते हैं। पर हर बार विरोधियों की मात होती है क्योंकि सच्चे मायने में जनता की सेवा करने वाले लाखों लोगों की दुआएं साथ होने से ईश्वर भी उनके साथ है। कई षड्यंत्र रचे गए किन्तु हर बार लोग असफल रहे। बीती रात भी कुछ ऐसा हुआ सदर विधायक पंकज भाई को ग़लत तरीके से कुछ लोगों ने फीड बैक दिया

उन्होंने कार्यकर्ताओं वह जनता के लोगो का उत्पीडन जानकर कोतवाली पहुंचे जहा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे सरल स्वभाव के पंकज भाई कोतवाली में कुर्सी कम होने के चलते जनता के सम्मान के चलते स्वयं भी जमीन पर बैठ गये। जिलाधिकारी व एस पी से वार्ता में उन्हें सही बात की जानकारी हुई जिस पर सभी की बैठक के बाद मामले की हकीकत तक पहुंचा गया। विरोधियों को भी आज अपना बना लेने वाले पंकज भाई से विरोधी व दूसरे दलों के लोग अपना कार्य करवा लेते उसका कारण है कि पंकज भाई जनता के लिए दिमाग नहीं दिल का प्रयोग करते इसी सरलता का लाभ अक्सर गलत प्रवृति के लोग उठा लेते हैं। पूर्व में भी तमाम जनप्रतिनिधि हुए क्या सभी से इस तरह घर कार्यालय जाकर अपना कार्य करवा लेते थे इसका जवाब नहीं चाहिए अपने दिल पर हाथ रख कर सोचे तो आपको अहसास होगा। अभी लाक डाउन के शुरूआत में चर्चा थी की तीन माह का लाक डाउन रहेगा।

मेरी मुलाकात हुई मैंने कहा भैया तीन माह तक लाक डाउन चलेगा आपने राशन भोजन का वितरण अभी से शुरू कर दिया। अभी तो लोगो के पास भोजन होगा और तीन माह तक देना पड़ेगा। पंकज भैया ने कहा शेखर चाहे छह माह देना पड़े वितरण होगा। कुछ लोगो का रोजाना कमाना खाना है सुबह को कार्य के लिए निकलते तब जाकर शाम को उनका चूल्हा जलता है। लाक डाउन होने से ऐसे लोगों को भोजन के लिए दिक्कत होगी‌ मैं नहीं चाहता कि कोई भूखा सोये सब व्यवस्था है किसी को भोजन , राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी घर घर जाकर जरुरत मंदो को मदद स्वयं जाकर राशन भोजन पहुंचाया। पंकज भाई के अनुज नीरज गुप्ता, पुत्र प्रखर हो या भतीजे‌ पूरा परिवार जनसेवा में जुटा रहा। ऐसे सच्चे जनसेवक लाखों दिलों में राज करने वाले पंकज भाई को और ऊंचाइयों तक पहुंचना है जाति पाति धर्मो का भेद ना मानने वाले सच्चे जनसेवक को दिल से प्रणाम???। __ शेखर अमर गुप्ता

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