51 मुकदमें सिद्ध होने पर मै देश छोडने को तैयार- विधायक विजय मिश्र।

51 मुकदमें सिद्ध होने पर मै देश छोडने को तैयार- विधायक विजय मिश्र। संतोष तिवारी (रिपोर्टर ) भदोही। ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट की कार्यवाही को साजिश बताया। विधायक विजय मिश्र ने पुलिस द्वारा एक वायरल आडियो के बारे में कहा

51 मुकदमें सिद्ध होने पर मै देश छोडने को तैयार- विधायक विजय मिश्र।

संतोष तिवारी (रिपोर्टर )

भदोही।

ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट की कार्यवाही को साजिश बताया। विधायक विजय मिश्र ने पुलिस द्वारा एक वायरल आडियो के बारे में कहा कि पुलिस यह बताये कि यह आडियो कितने दिन, कितने महीने, कितने साल पुराना है? क्या मेरे वॉइस टेस्टिंग कराई गई और कैसे पता किया गया? विधायक ने पूछा कि पुलिस ने अब तक कितने ऑडियो वीडियो का स्वत संज्ञान लिया? कहा कि पूर्व बसपा विधायक व वर्तमान भाजपा विधायक के बेटे ने प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की मां को गाली दिया था, उसका संज्ञान क्यों नहीं लिया?

विधायक ने कहा कि बसपा के ही नेता पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी, बसपा के पूर्व सांसद गोरखनाथ पाण्डेय, बसपा के पूर्व विधायक बसपा के पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र, बसपा से आये अजय शुक्ल और वाराणसी के दो नेता जो वर्तमान में भाजपा के विधायक है। इन लोगों का एक गिरोह है जो एक होकर आज भदोही में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। कहा कि बसपा शासनकाल में एसएसपी डीआईजी प्रयागराज इलाहाबाद बृजभूषण जो वर्तमान में एडीजी वाराणसी हैं।

इन्हीं बसपाइयों के कहने पर मुझे नंद गोपाल नंदी के हमला में 120 बी अभियुक्त बनाया गया। जिसमें मंत्री 161 के बयान में या एफआईआर में या किसी ने मेरा नाम नहीं लिया। कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने मेरे जमानत में सीधे-सीधे लिखा है कि इस घटना में विजय मिश्र के ऊपर 120 बी का केस नहीं बनता जिसकी उपरोक्त बसपाइयों ने मुकदमा वादी को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। इनकी जमानत माननीय उच्च न्यायालय में दे दिया साथ में क्रिमिनल हिस्ट्री है याचिका में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि केस नहीं बनता तो क्रिमिनल हिस्ट्री से अभियुक्त नही माने जाएंगे।

विधायक ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि भदोही में अवैधानिक रूप से 3 सालों से स्लाटर हाऊस चला। जो बसपा का पूर्व पदाधिकारी जावेद कुरैसी चलाता था। जिसमें गोवध किये जाते थे। जिसमें महिनों में करोडो की कमाई होती थी जिसमें बीएसपी नेता इसमें हिस्सा लेते थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया लेकिन आज तक गिरफ्तारी न हुई। कहा कि थानों में यहां की जनता को अत्यधिक परेशान किया जाता था अवैध वसूली की थी में नहीं जाते थे जिसकी शिकायत डीजी से किया था और यह भी कहा था कि यह जनपद ब्राह्मण बाहुल्य है लेकिन किसी भी थाने पर न थानाध्यक्ष ब्राह्मण है न ही क्षेत्राधिकारी ब्राह्मण है एडिशनल एसपी भी ब्राह्मण नहीं है।

विधायक ने टोल प्लाजा के बारे में बताया कि जो मैंने शिकायत की थी कि फर्जी सॉफ्टवेयर लगाकर लाला नगर ही नहीं पूरे देश में लागडाउन के दौरान पैसे की वसूली का टेंडर से ना होकर डेली बेसिस पर कर दी गई थी। मेरी दरख्वास्त से नितिन गडकरी को भेजी गई। उससे भारत सरकार को हजारों करोड़ों का फायदा भारत सरकार को हुआ। मेरे शिकायती पत्र के बाद खुद एनएचआई ने अपना कैमरा व कंप्यूटर ऑपरेट ग्रेट किया जिससे राजस्व चार से पांच गुना बढ़ गया।

तो आज ही देखा जा सकता है मैने पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को पत्र इसमें कई लोगों का पैसा लगा है और अवैध वसूली करते हैं। आज भी हो रही ओवर लोड ट्रको से वसूली करते है। जो वसूली करते है उनका नाम पता पुलिस के पास होना चाहिए। कहा कि पुलिस अधिकारियों को पैसा जाता है उसी पैसे के दम पर ठेकेदारी ओवरलोड ट्रकों से पांच से दस हजार की अवैध वसूली की जाती है।

विधायक ने कहा कि गोपाल महेश्वरी लालानगर टोल में ना तो पट्टा धारक का न तो पाटनर है। मेरे हिसाब से हो सकता है पांच से दस प्रति सैकडे के हिसाब से दिए होंगे। लाला नगर टोल प्लाजा से इनका कोई संबंध नहीं है। कहा कि छत्तीसगढ़ का जवाहर गुप्ता वह राकेश गुप्ता ने लिया है जो जो एक लाख प्रतिदिन पर आनंद तिवारी निवासी गाजीपुर को दिया है। और मैंने कभी टोल प्लाजा लिया हूं न लेने का प्रयास किया ना तो कभी भविष्य में टोल प्लाजा लूंगा। क्योंकि ट्रक ड्राइवरों से मार-मार कर पैसा वसूला जाता है जो मेरे स्वभाव से परे है।

कहा कि मैं साल में चारों नवरात्रों में यज्ञ करता हूं। गाय की सेवा करता हूं तथा गरीबों की सेवा करता हूं। इसलिए कार्य मुझसे नहीं हो सकता है। कहा कि पुलिस अधीक्षक ने कहा था अपराधियों की सूची प्रेस को दिया है मुझे एक या 51मुकदमे का एफआईआर उपलब्ध करा दें जिससे मैं नामजद हूं। मैं देश छोड़ने के लिए तैयार हूं। अनुरोध किया कि मुकदमे की सूची और उनकी स्थिति बताने की कृपा करें। कहा कि पूर्व बसपा सांसद गोरख नाथ पांडे के भाई रामेश्वर पांडेय की हत्या में नामजद रहा जिसका केस भी छूट गया।

उसमें दोनो तरफ से गोलीबारी हुई थी जिसमें कई लोग गोलियों से घायल हुए थे। जो नामजद नहीं थे जिसमें हाई कोर्ट ने 307 मुकदमा लिखने में गोरखनाथ पांडेय उनके भाई रामेश्वर पांडे आदि लोगों को अभियुक्त बनाने का आदेश दिया था जिसकी बसपा सरकार में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया गया था। जिस दिन यह घटना घटित हुई थी उसके एक दिन पहले ही जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने मुझे पुलिस लाइन में बैठा रखा था। सुबह 4 बजे के आसपास मुझे हार्टअटैक का दौरा पड़ा तो जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने कहा था तब रास्ते में जाते समय परिवार के लोगों ने मेरे साथ ले लिया और डॉक्टर आनंद मिश्रा टैगोर टाउन प्रयागराज के यहां दो-तीन दिन तक होने पर इलाज करा रहा था।

कहा कि बसपा सरकार के पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी ने जो भाजपा सरकार के मंत्री रहे, मेरे पिता की हत्या में अभियुक्त हैं। ने गोली चलवाई थी जिसमें एक सिपाही घायल हुआ था उसमें राकेशधर त्रिपाठी विधायक नामजद अभियुक्त रहे हैं। उनके परिवार के लोगों द्वारा उसी गांव के निवासी ऋषि मुनि तिवारी की भाला घोप कर हत्या कर दी गई थी। जिसमें मेरे बड़े भाई रामचंद्र उर्फ लाल साहब मिश्र ने तमाम प्रलोभन भाई देने के बाद में उन्होंने सत्यता से जो देखा था गवाही दे दी जिसमें सेशन कोर्ट से कुछ लोगों को सजा भी हुई। जो माननीय उच्च न्यायालय से बरी हो गए थे।

जिसके कारण लोग आज तक रंजिश रखते हैं। राकेश धर त्रिपाठी के सगे बड़े भाई डॉक्टर धरनीधर अच्छे किस्म के सर्जन थे। लेकिन साथ ही साथ इनका चार पांच लोगों का गिरोह था प्रतिदिन शराब पीना, दिन जुआ खेलना अय्याशी करना इनकी आदत थी। इससब के चक्कर में इनकी हत्या हो गई थी अज्ञात एफआईआर भी हुई थी लेकिन कुछ दिन बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों ने बमरौली एयरपोर्ट पर नारेबाजी कर रामचंद्र, लाल साहब मिश्र, हैदर अली का लाल साहब के बड़े लड़के जीत नारायण मिश्र को पुलिस व सीबीआई ने मुलजिम बनाया

जिसमें चार्ज फ्रेम होने के समय ही सीजीएम मिर्जापुर ने रामचंद्र उर्फ लाल साहब मिश्र को बरी कर दिया। क्योंकि घटना के एक सप्ताह पहले से एक सप्ताह बाद तक यह कानपुर जेल में बंद बंद थे। जिसका सीजीएम ने परीक्षण कराया वहीं को डिस्चार्ज बरी कर दिया। तीस से पैतीस वर्ष बाद घटना मेरे में मेरा और मेरा जीत नारायण अपर सेशन जज मिर्जापुर के ट्रायल शुरू हुआ। जीत नारायण मिश्र घटना के समय मुगलसराय जेल में बंद थे। और मैं अपनी ट्रक को लेकर कोलकाता में दांत का इलाज करा रहा था। परीक्षण के बाद न्यायालय ने बाइज्जत बरी कर दिया।

विधायक ने नंदकिशोर रूगटा अपहरण फिरौती हत्या कांड के बारे में कहा कि ना तो मैं नामित अभियुक्त रहा न ही मेरे ऊपर ट्रायल चलाया गया। बसपा के पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी उस समय भाजपा सरकार में मंत्री थे और सन 1991 में एसएसपी वाराणसी कर्मवीर से मेरा विवाद हो गया। उस समय डीघ ब्लॉक का प्रमुख था उस समय डीघ ब्लॉक वाराणसी जिले में था। कुछ बातों को लेकर विवाद हुआ जिसमें एसएसपी वाराणसी कर्मवीर ने मेरे ऊपर महाराजगंज थाना और गोपीगंज अंतर्गत गोली चलवा कर हत्या कराने का प्रयास भी करवाया था। और गैंगस्टर भी लगा था।

इसमें माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ति द्वारा अग्रिम आदेश तक सारे मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। मैंने अलग से एक याचिका दायर की थी जिसमें खंडपीठ के न्यायमूर्ति ने आदेश किया था कि डीएम सौरभ चन्द्रा और एसएसपी कर्मवीर 24 घंटे वाराणसी जिले में पूरी सुरक्षा देखेंगे। माननीय न्यायालय के आदेश पर वाराणसी सीबीआई के इंपेक्टर इसके पूर्व मुझसे मिले भी और कहा कि तुम गवाह बन जाओ नहीं तो आईजी वाराणसी और मंत्री लगा है तुम्हें फंसा देगा। मैंने गवाही से इनकार कर दिया था जिस पर कारण मुझे कुछ दिन बाद चार्सीसीट कर दिया।

स्वर्गीय भाई राजकुमार मिश्र जाने-माने ईमानदार स्वच्छ छवि के वाराणसी के इंस्पेक्टर थे। कहा कि त्रिनाथ मिश्रा सीबीआई के डायरेक्टर थे उनसे हमारे भाई स्वर्गीय राजकुमार मिश्र जाकर मिले और केस डायरी व चार्जसीट दिखाया।सीबीआई डायरेक्टर त्रिनाथ मिश्रा ने एसपी सीबीआई सरदार को तत्काल तलब किया और पूछा कि अपहरणकांड में विजय मिश्रा का क्या रोल है? सरदार जी सीबीआई के डायरेक्टर ने फटकार लगाते हुए कहा कि गलत कैसे कर दिया तुम्हारी जांच करा कर जेल भेज दूंगा।

सीबीआई एसपी सरदार गलती मानने लगे कि हमारे खिलाफ जांच करेंगे तो विभाग की बड़ी बदनामी होगी तब डायरेक्टर ने कहा कि आज सीबीआई नहीं पूछेगी उन्होंने गलती माना और हमारे भाई और हमें बीएसए साहब से बोला कि आप न्यायालय से जैसे भी हो याचिका दाखिल कराकर अपना काम करवा ले। मैंने उनके आते ही उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की माननीय उच्च न्यायालय ने मेरे तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित गोपाल चतुर्वेदी पूर्व महाधिवक्ता शांति स्वरूप भटनागर उसी दिन मुझे 14 दिन का स्थगन आदेश मिला और 1 महीने का समय मिला।

सीबीआई के वकील समय मांगते रहे फिर कुछ दिनों का समय मिला इसके बाद जब दोनों तरफ की बहस हुई तो माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जैन साहब ने उस चार्ज सीट को निरस्त कर दिया। सीबीआई से भी बड़ी हो गया उसे रुगटा केस कमजोर हुआ। जिसमें बसपा गिरोह जो काम कर रहा है कुछ अधिकारियों की अपनी गिरोह में प्रलोभन देकर करके मिला है पूर्व में अभी उपरोक्त दोनों मंत्री बीस करोड रुपया लगाकर इलाहाबाद कोर्ट के आदेश से मुझे सेंट्रल जेल नैनी भेजने का आदेश हुआ था। मुझे जेल न ले जाकर ऊपर से आदेश आया है कि इनको नैनी जेल मत ले जाओ सीधे मेरठ ले जाओ।

इस बीच पुलिस लाइन से किसी सिपाही ने फोन कर दिया मेरे साथ सुरक्षा कर्मी से वार्ता की और अमित वर्मा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मेरठ से रवाना हो गया है। रास्ते में मुठभेड़ दिखाकर मार देगा मेरी पत्नी प्रेस करके रात में ही बताया कि मेरे पति की हत्या हो सकती है। कहा कि मैं आभारी हूं सुरक्षाकर्मियों और ज्ञानपुर की जनता का मां विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से मेरे साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी ने कहा कि मेरी हत्या होने के बाद ही आप को खरोच आएगी। हम ऐसा नहीं होने देंगे वे लोग रास्ता बदलकर अपने मोबाइल बंद कर एटा पहुंचकर पंप से तेल लिया।

जबकि गाड़ी में तेल पहले से था यह बताने के लिए जिंदा है। और रास्ता बदल कर जेल पहुंचाया दृश्य मेरी आंखों के सामने आता है तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कहा कि कर्मवीर जब बसपा के शासनकाल काल में पुलिस महानिदेशक हुए तो कई दलालों को सुरक्षा गनर दिया और दिल्ली-मुंबई भेजते रहते थे कि विजय मिश्रा का पता करो जिससे उसकी हत्या कराई जा सके। भदोही जनपद कालीन नगरी भी है उपरोक्त बसपा के लोग मेरे खिलाफ षडयंत्र कर के मुकदमें में फंसाने वह मेरी हत्या कराने की साजिश रची जा रही है।

जिससे भदोही को कब्जा कर लूटपाट की जा सके पहले से भी मदद करना अब हमें युक्त समाज स्थापित करना वर्ष में चार बार यज्ञ करना गांव की सेवा करना ही हमारा धर्म है। मनीष मिश्रा को कुछ लोगों ने बरगला दिया और अजय शुक्ला भी तो अपने लड़के के समान रहा है। कुछ लोग इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं इसमें प्रमुख रूप से राकेश धर त्रिपाठी पूर्व मंत्री बसपा, रंगनाथ मिश्रा, गोरखनाथ पांडेय पूर्व सांसद बसपा, विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी आदि जिनकी जमीन खिसक चुकी है। कुछ लोग लगातार चार बार चुनाव हार चुके हैं वहीं कुछ लोग मुझे फर्जी फंसाने वह मेरी हत्या कराने का प्रयास कर रहे हैं।

लोग 25 से 50 करोड़ लगाकर मेरी हत्या कराना चाहते हैं। दोनों मंत्री आय से अधिक संपत्ति में जेल गए हैं कोई अपने लड़के को ब्लॉक प्रमुख तो कोई अपने लड़के को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए परेशान है और 100 करोड रुपए खर्च करना चाहते हैं। चुनाव के मद्देनजर गुंडा एक्ट की कार्यवाही की जा रही है इनका विश्वास है तो हम लोगों का जनता ग्राम प्रधान भी नहीं बनाएगी। जनता का विश्वास मेरे ऊपर हमेशा रहा है और रहता है और दो बार ब्लॉक प्रमुख एक बार जिला पंचायत अध्यक्ष चार बार विधायक, पत्नी को दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष मिर्जापुर सोनभद्र से सदस्य विधान परिषद जनता ने बनाया।

निषाद पार्टी से विधायक विधायक दल का नेता भी मैंने राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया और जो महेंद्र नाथ पांडे भारत सरकार में मंत्री हैं। उस समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तथा उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के कहने पर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के आवास पर अपने बेटे विष्णु के साथ मिलने गया। वहां पर सुनील बंसल प्रदेश संगठन मंत्री अनिल जैन राष्ट्रीय महामंत्री विधायक सुशील सिंह चंदौली उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सबसे मेरा परिचय करवाया और कहा कि मुझे वोट करिए।

मेरे राज्यसभा सदस्य को जीताइए और आपका काम हो तो बताइए। मैंने कहा मेरा कोई काम नहीं है जनता का कोई काम हो, दवाई पैसा देते रहिए। मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंदी को आप जानते हैं। केवल आप मेरी और मेरे बेटे की सुरक्षा का आश्वासन भी दिया। कि फिर वोटिंग करके एक दिन पहले योगी आदित्यनाथ से मिलने पूर्व मंत्री जयवीर और सुशील विधायक के साथ गए।और वहां पर मैं रुक गया राज्यसभा की वोट अनिल अग्रवाल को देना था। और मैंने अपने साथ एक लोगों को और दिलवाया और उनकी जीत हुई। भाजपा सरकार की जो भी नीति हो रही थी रही है।

चाहे वृक्षारोपण का कार्यक्रम चाहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चाहे गरीब लोगों की लाकडाऊन के दौरान मदद भोजन कराने की बात रही हो मैं हमेशा भाजपा सरकार की नीतियों को ध्यान में रखकर कार्य किया। यही नहीं मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के आदेश पर लोकसभा प्रत्याशी की मदद किया। और विधानसभा में से तीस हजार मतों से और हडिया विधानसभा जहां हमारा घर है वहां से भी भारी मतों से जीता। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उपरोक्त उपायों की साजिश से मुझे व जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की सभा से दूर रखा गया।

कहा कि जनपद मिर्जापुर में बसपा से निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बैठाया गया। और उनके पति कैसे हैं जगजाहिर है। कहा कि 2012 में थाना औराई की घटना एक शराब व्यवसायी ने बयान दिया कि विजय मिश्रा मेरी मदद करते हैं जबकि मै मेरठ जेल में बंद था। उसी दौरान मेरे ऊपर लिखे गए घटना की साजिश रची गई। कहा कि फर्जी केस में फंसाने की हत्या कराने की शिकायत में माननीय मुख्यमंत्री से माननीय राज्यपाल से, माननीय विधानसभा अध्यक्ष से, माननीय मंत्री भारत सरकार से मिलकर अपनी पीड़ा बताऊंगा।

जब हमने चाहे राष्ट्रपति का चुनाव था राज्यसभा का चुनाव लोकसभा का चुनाव था हमने हमेशा मदद की थी। मेरे ऊपर मुकदमे थे गोपाल नंदी की जहां तक मेरा मानना है भारत सरकार के गृहमंत्री से जांच करा चुके होंगे उसमें दी गई होगी ऐसा मेरा मानना है। और ना तो ना हो तो आज भी सीबीआई जांच करा लिया जाए। कहा कि मेरे परिवार के पूरे फोन मोबाइल पर लगाया गया है। मेरी गाय को खली भी नहीं मिल रही है कोई व्यापारी व साथी फोन उठा नहीं रहा है।

क्या मैं देशद्रोही हूं या फरार अभियुक्त? विधायक ने कहा कि यदि मेरी बात नही मानी जायेगी तो मै आत्मदाह करने पर विवश होऊंगा। विधायक ने इस दौरान बसपा के पूर्व और भाजपा के वर्तमान नेताओं पर साजिश करने का आरोप लगाया। और पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही को भी इसी साजिश का अंग बताया।

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