अनुशासन के बिना शिक्षा में सफलता है मुश्किल-प्रियांशी मिश्रा

नियमित पढ़ाई करके प्राप्त किए जा सकते हैं अच्छे अंक ब्यूरो रिपोर्ट-जयदीप शुक्ला तरबगंज गोण्डा-देश सेवा करने का जज्बा और स्कूल में नियमित पढ़ाई के साथ-साथ घर पर सेल्फ स्टडी करकेबोर्ड परीक्षा में 91% अंक प्राप्त करने वाली छात्रा प्रियांशी मिश्रा को चारों तरफ से बधाई मिल रही है।जनपद गोंडा विकासखंड तरबगंज के ग्राम पंचायत

नियमित पढ़ाई करके प्राप्त किए जा सकते हैं अच्छे अंक

ब्यूरो रिपोर्ट-जयदीप शुक्ला

तरबगंज गोण्डा-
देश सेवा करने का जज्बा और स्कूल में नियमित पढ़ाई के साथ-साथ घर पर सेल्फ स्टडी करके
बोर्ड परीक्षा में 91% अंक प्राप्त करने वाली छात्रा प्रियांशी मिश्रा को चारों तरफ से बधाई मिल रही है।
जनपद गोंडा विकासखंड तरबगंज के ग्राम पंचायत लक्ष्मणपुर निवासी रमेश कुमार मिश्रा की पुत्री प्रियांशी मिश्रा ने 91प्रतिशत अंक लाकर लड़कियां किसी से कम नहीं है यह साबित कर दिखाया। इतना ही नहीं यह छात्रा लॉकडाउन में घरों पर रहते हुए शिक्षक पिता के साथ अध्ययन करते हुए इंटरमीडिएट का सिलेबस को भी पूरा कर लिया है।
प्रियांशी मिश्रा के अनुसार वह पुलिस ऑफिसर के साथ-साथ डॉक्टर बनकर देश सेवा करने का सपना सच करने के लिए लगातार ज्यादा समय तक पढ़ाई के साथ-साथ बैडमिंटन भी खेलती हैं। घरों पर रोपित किए गए पौधों की हिफाजत के साथ साथ प्रतिदिन उसमें पानी डालना भी उनके दिनचर्या में शामिल हैं।
प्रियांशी के भाई शुधांशु मिश्रा भी हाई स्कूल में 94 प्रतिशतअंक प्राप्त किया था। जो दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। लाक टाउन में वह भी घर पर ही थे। प्रियांशी के पिता रमेश कुमार मिश्रा जनता इंटर कॉलेज अमदही में सहायक अध्यापक हैं। प्रियांशी ने लॉक डाउन का सदुपयोग करते हुए प्रियांशी ने अपने पिताजी रमेश कुमार मिश्र और भाई के मदद से इंटरमीडिएट के सभी विषयों का सिलेबस पूरा कर लिया है। प्रियांशी मिश्रा का मानना है कि देश सेवा की ललक और नियमित पढ़ाई से अच्छे मुकाम हासिल किए जा सकते हैं। वह अपने माता-पिता गुरुजन को पास होने का श्रेय देते हुए छात्रों को संदेश देना चाहती हैं कड़ी मेहनत नियमित अध्ययन यह मुकाम हासिल किया जा सकता है।
छात्रा के पिता रमेश कुमार मिश्रा ने बताया कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार के साथ साथ देश सेवा के जज्बा पैदा हो ऐसे विचार उनके सामने रखते हैं रिजल्ट आने के दिन जो खुशी माता-पिता को होती है। उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता । वह इस दिन को यादगार बनाने के लिए पूरे परिवार के साथ आम के पौधे रोपित करते हैं ,और उसकी हिफाजत भी करते हैं। घरों पर लगे पौधे यह बताते हैं यह परिवार शिक्षित के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमी भी है।

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