
झोलाछाप डाक्टर की अजीब कहानी न शासन का डर न पब्लिक की चिंता
नसीर ख़ान (नाम किसी और का काम किसी और का) उन्नाव संवाददाता (स्वतंत्र प्रभात)- वैसे तो अगर बात करे तो जिले मे झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गयी है लगभग हर गांव गली मे बैठकर बड़ी निर्भीकता के साथ इलाज कर रहे है कई बार ऐसे मामले भी आये है जिनमे मरीज की जान
नसीर ख़ान
(नाम किसी और का काम किसी और का)
उन्नाव संवाददाता (स्वतंत्र प्रभात)-
वैसे तो अगर बात करे तो जिले मे झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गयी है लगभग हर गांव गली मे बैठकर बड़ी निर्भीकता के साथ इलाज कर रहे है कई बार ऐसे मामले भी आये है जिनमे मरीज की जान भी चली गयी लेकिन इन गाँव गली मे बैठे इन डॉक्टरों पर आखिर कोई कार्यवाई क्यों नही होती है । इनमे से कुछ तो ऐसे भी डॉक्टर है जो डिग्री/डिप्लोमा किसी दूसरे का है और इलाज कोई दूसरा कर रहा है
फिर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर कार्यवायी नही होती है।मामला उन्नाव जिले के पुरवा तहसील के पाठकपुर गांव का है यहाँ पर एक बिना नेम प्लेट /बोर्ड के एक क्लीनिक संचालित है जिसमे पंकज माली नाम के डॉक्टर द्वारा ईलाज किया जाता है किंतु इन डॉक्टर साहब के पास न तो कोई डिग्री है और न ही कोई डिप्लोमा है अगर डिग्री भी है तो किसी दूसरे की सूत्रों के अनुसार क्लीनिक पर प्रतिदिन सैकड़ो लोगो का किया जाता है लेकिन कोविड 19 महामारी के दौरान भी यहाँ पर आने वाले मरीजों के लिए न तो मास्क की बाध्यता है,
और न ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन, थर्मल स्कैनिंग की भी कोई व्यवस्था नही थी दवाईयों को तो कूडे के ढेर मे जैसे रख रखा था क्लीनिक के अंदर गंदगी का भी अंबार लगा हुआ था । कवरेज करने गये पत्रकारों ने जब उपरोक्त कमियों के विषय मे जब जानकारी चाही तो वहाँ पर इलाज कर रहे पंकज माली नामक तथाकथित डॉक्टर (जो दूसरे की डिग्री पर कार्य कर रहा था) ने बताया कि यह गांव है यहाँ ऐसे ही इलाज होता है जब उनसे उनकी डिग्री के विषय मे मे पूछा गया
तो उन्होंने शिवम शुक्ला नाम के एक व्यक्ति व्यक्ति की एक डिग्री दिखाई जो कि रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय जबलपुर से जारी हुयी थी और आगे उन्होंने बताया कि शिवम शुक्ला एक डॉक्टर है और उन्होंने मुझे ईलाज करने के लिए अधिकृत किया है और वह आपसे बात कर लेंगे उसके लगभग एक घंटे बाद शिवम शुक्ला जो अपने आप को डॉक्टर बताते है उन्होंने अपने आप को विधायक का प्रतिनिधि बताते हुए पत्रकारो को फोन पर धमकी देते हुए कहा कि तुम लोग फर्जी पत्रकार हो हम तुम्हे देख लेंगे अपना id कार्ड मुझे दिखाओ मै देखूंगा कि तुम पत्रकार हो कि नही और पैसे के दम पर मुकदमा लिखाने की भी धमकी दी जिसकी रिकॉर्डिंग भी है
अब देखना यह होगा कि आखिर इन तथाकथित डॉक्टरों जोकि डिग्री किसी और की और ईलाज कोई और कर रहा है तथा डिग्री भी जबलपुर की असली है या नकली इसका भी पता नही इस तरह के फर्जी कार्य करने वालो तथा गाँव भ् की भोली- भाली जनता की जान पर खेलकर ईलाज करने वालों पर कार्यवाई होगी या स्वस्थ्य विभाग के अधिकारी इन पर मेहरबानी बनाये रखेंगे।
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