गोरखपुर चमगादड़ो का गढ़, गांयब होते चमगादड़ गांव में आती आफत,
गोरखपुर जनपद के सहजनवां क्षेत्र बसिया सेमरा में चम्गादरों का बसेरा गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र बसिया सेमरा में चमगादड़ो का गढ़, गांयब होते चमगादड़ गांव में आती आफत, गोरखपुर । कोरोना वायरस चीन के वूहान से फैला तो वूहान में मौत का काफिला निकला और देखते-देखते सैकड़ों को निगल गया । चीन में हड़कंप
गोरखपुर जनपद के सहजनवां क्षेत्र बसिया सेमरा में चम्गादरों का बसेरा
गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र बसिया सेमरा में चमगादड़ो का गढ़, गांयब होते चमगादड़ गांव में आती आफत,
गोरखपुर ।
कोरोना वायरस चीन के वूहान से फैला तो वूहान में मौत का काफिला निकला और देखते-देखते सैकड़ों को निगल गया । चीन में हड़कंप मच गया ।चीन ने मौत का आंकड़ा छिपाया और मौत का कारण कुछ और ही बताया । इटली,फ्रांस और अमेरिका में हजारों की संख्या में लोग मरे ।जिसका कारण चीन के वूहान से फैला कोरोना वायरस बताया गया ।जबकि चीन ने बताया कि चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बहुत कम है ।उस पर नियन्त्रण पा लिया गया । जो भारी संख्या में लोग मरे वे दहशत,बुखार ,हार्ट अटैक आदि से मरे । चीन के इस रिपोर्ट से इटली ,फ्रान्स और अमेरिका संतुष्ट नहीं है ।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक यह खबर है की चीन के वैज्ञानिक चम गादण की एक हजार प्रजातियों में से कुछ को चयनित किया है जिनसे ऐसा वारस इकत्र कर हांगकांग में पकड़े गये विद्रोहियों पर किया जो चीन प्रसाशन की नाक में दम करके रख देते हैं। चीन इसी वायरस का इस्तेमाल अपने शत्रु देश पर करके विजय हासिल करने की योजना बना रहा है ।उसके सलाहकारों का मानना है कि इनसे रासायनिक,परमाणु ,तोप गोला से युद्ध करके नहीं जीत सकते । जानकारों का कहना है कि चीन के लोग चम गादर की पूजा भी करते हैं,चम गादर खाते भी हैं ।बच्चो को इसका जूस टॉनिक के रूप में दिया जाता है ।आश्चर्य है कि उसी चम गादर को चीन मारकर प्राण घातक वायरस बना रहा है ।लेकिन खुफिया चीन के कसाई खाना तक पहुँच कर वह सेम्पल प्राप्त कर लिया,जिसका प्रयोग कर चीन नें लाखों की जान ले लिया । चम गादर भारत में भी बहुत पाये जाते हैं ।ये दिन की अपेक्छा रात में ज्यादा सक्रिय होते हैं ।ये फल ,पत्ती खा कर जीवित रहते हैं ।ये स्तन पोषी जीव है ।
अन्धेरे में रहना इन्हे पसन्द है ।लेकिन अमरूद,कटहल और आम के बागीचे में भी इनका बसेरा देखा जाता है ।इनसे मानव को कोई नुक्सान नहीं ।लेकिन जिनके सर के बाल रातो रात गायब हुये ,तो यही कहा जाता है कि चम गादर ने चाट लिया होगा । लोगो को चिंता हुई कि जहाँ चम गादरों का बसेरा होता है वहाँ के लोगों को क्या-हानि लाभ होते हैं ।ज्ञात हुआ कि गोरखपुर के सहजनवा तहसील के ग्राम सभा बसिया में चम गादर सैकड़ों की संख्या में रहते हैं ।उक्त गाँव के बाहर एक किसान भुवनेश्वर सिंह ने बताया कि इसी ग्राम सभा का एक टोला सेमरा है ।वहीं एक बाग में सैकड़ों की संख्या में चम गादर रहते हैं ।
सेमरा के बाग में आम,कट हल और बड़ हर के पेड़ हैं।बाग घना होने के कारण अन्धेरा था । जहाँ सैकड़ों की संख्या में चम गादर पेड़ों पर लटके हुये हैं ।ऐसा लगता था मानो काले रन्ग के झोले लटके हुये हैं ।लेकिन ध्यान से देखने पर सच्चाई सामने आ गयी ।वे एक डाल से दूसरी डाल पर जा रहे थे ।कुछ उड़ कर अन्यत्र जा रहे हैं और कुछ कहीं से आ रहे हैं । बाग के सामने ही एक आलिशान रिहायसी मकान है ।उन लोगों से बात कर चम गादरों के बसेरा और उनसे हानि लाभ के बारे में जानकारी करना चाहा तो शिबलू सिंह ने बताया कि ये बारहो महीने यहीं रहते हैं ।रात में ये कहीं जाते हैं और सुबह होते-होते वापस आते हैं ।इनसे हानि लाभ के बारे में पूछने पर गिरीश सिंह ने बताया कि इनसे लाभ क्या है?ये फल खाते हैं ।कटहल ,आम ,अमरूद को खाते हैं ।
नुकसान ज्यादे करते हैं । इनसे कोई फायदा है आप लोगों को ?इन्हे भगा क्यों नहीं देते ? यह पूछने पर मर्याद सिंह सेवा निवृत्त कैसियर स्टेट बैंक ने बताया कि ये नुक्सान करते हैं फिर भी हम लोग भगाने की चेष्टा नहीं करते ।क्योँकि जब जब ये गाँव छोड़ कर जाते हैं तो गाँव में कोई न कोई आफत आती है ।ऐसा हमारे बुजुर्ग भी बताते हैं ।इनके उजड़ जाने के बाद विवाद,बिमारी ,पशुओं में बीमारी आदि आती है ।इनके रहने से हमारे फलों को नुक्सान होता है लेकिन इनके रहने से सबको सुकून मिलता है ।
कुछ का मानना है कि बहुत से ऐसे जीव जन्तु हैं जिनमे जहरीले बिष होते हैं ।उनके द्वारा काट लेने पर मृत्यु सम्भव है ।चम गादर ऐसा जन्तु है जिसे कोई भी खाना पसन्द नहीं करेगा ।मानव के जान को इनसे कोई हानि है,इसके बारे में कोई तजुर्बा नहीं है ।
Comment List