.jpg)
जिला अस्पताल में अस्पताली कचरे का भण्डार खुले में फेंका जा रहा अस्पताली कचरा
अम्बेडकरनगर। एक तरफ जहां सरकार पर्यावरण को स्वच्छ एवं हरा भरा रखने तथा स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाकर करोड़ो रूपया बहा रही है वहीं जिला अस्पताल प्रशासन को शायद इससे कोई सरोकार नही है। शायद यही कारण है कि अस्पताल परिसर को कूड़ेघर के रूप में तब्दील कर दिया गया है। परिसर के अन्दर
अम्बेडकरनगर।
एक तरफ जहां सरकार पर्यावरण को स्वच्छ एवं हरा भरा रखने तथा स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाकर करोड़ो रूपया बहा रही है वहीं जिला अस्पताल प्रशासन को शायद इससे कोई सरोकार नही है। शायद यही कारण है कि अस्पताल परिसर को कूड़ेघर के रूप में तब्दील कर दिया गया है।
परिसर के अन्दर कोई सामान्य कचरा नही फेंका जाता बल्कि वह अस्पताली कचरा फेंका जाता है जो पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक माना जाता है। जिला अस्पताल में अभी तक अस्पताली कचरे को नष्ट करने के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नही है। बीते कुछ दिनों तक आयुष विंग के बगल ही अस्थायी कचरा घर बनाया गया था
लेकिन कायाकल्प टीम के आने की आहट के कारण स्थान को बदल दिया गया। मौजूदा समय में अस्पताल के पीछे रास्ते के बिल्कुल किनारे अस्पताली कचरे को फेंका जा रहा है। जिस स्थान पर इसे फेंका जा रहा है उसके पूरब व उत्तर दोनों तरफ नर्सेज हास्टल है जिसमें स्वास्थ्य कर्मी रहते हैं। खुले में फंेके गये इस कचरे से उठने वाली दुर्गन्ध ने इन कर्मचारियों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो अस्पताली कचरे से संक्रमण भी काफी तेजी से फैलता है। रास्ते के किनारे फेंके जाने से आने जाने वाले लोगांे को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इन सबसे चिकित्सालय प्रशासन पूरी तरह बेपरवाह बना हुआ है। अस्पताली कचरे को ले जाने के लिए आजमगढ़ की एक संस्था को जिम्मेदारी दी गई है लेकिन उस स्ंास्थान की गाड़ी शायद ही कभी अस्पताल परिसर में दिखाई पड़ती है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel
खबरें

Comment List