अचल ताल पर राशन माफिया को कौन दे रहा सरंक्षण !पत्रकार पर किया हमला

अचल ताल पर राशन माफिया को कौन दे रहा सरंक्षण !पत्रकार पर किया हमला

धर्मेन्द्र राघव अलीगढ़। समाचार पत्रों में चावल माफियाओं की खबर प्रकाशित होते ही खलबली मच गई और अपने-अपने गोदामों से रातों-रात राशन का चावल गायब कर दिया। थाना गांधी पार्क क्षेत्र में अचल ताल पर लैफ्र्ड कर्मियों ने विष्णु आटा चक्की अचल ताल से राशन का चावल भरकर धनीपुर मण्ड़ी की ओर ले जा रहे

धर्मेन्द्र राघव


अलीगढ़।

समाचार पत्रों में चावल माफियाओं की खबर प्रकाशित होते ही खलबली मच गई और अपने-अपने गोदामों से रातों-रात राशन का चावल गायब कर दिया। थाना गांधी पार्क क्षेत्र में अचल ताल पर लैफ्र्ड कर्मियों ने विष्णु आटा चक्की अचल ताल से राशन का चावल भरकर धनीपुर मण्ड़ी की ओर ले जा रहे ई-रिक्शा को खराब होने के कारण छर्रा अड्डापुल पर पकड़ लिया और सांठ-गांठ कर छोड़ दिया।

उधर एक पैदल जा पत्रकार को राशन माफियाओं ने पकड़ लिया और पकड़वाने का शक करते हुये उसकी पिटाई करते हुये जान से मारने की धमकी देते हुये भाग गये। पीड़ित पत्रकार ने अपने साथियों की मदद से राशन के चावलों से लदे ई-रिक्शा को थाना गांधी पार्क पुलिस के सुपुर्द कर दिया है, और राशन माफियाओं के खिलाफ तहरीर सौंपी है।

पुलिस जांच में एक बड़े बैनर के पत्रकार के साथ एक सफेदपोश का नाम आ जाने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हालांकि पुलिस भी मामले में चुप्पी साधते हुए जांच में जुट गई है।


पत्रकारों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सोमवार को एक अखबार के पत्रकार को राशन माफियाओं भोला पुत्र जवाहर सिंह और कपिल पुत्र विष्णु चक्की अचल ताल ने अहोराम सिंह पत्रकार को पकड़ कर जमकर पीटते हुये घायल कर दिया। जिले में चावल माफियाओं ने पत्रकारों पर लात घूंसों से हमला कर दौड़ा-दौड़ा कर मारा।

चावल माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिस के ई-रिक्शा पकड़े जाने पर राहगीर पत्रकार को भी नहीं बख्शा। पुलिस ने तो मामला लेन-देन कर रफा-दफा कर दिया,लेकिन राहगीर पत्रकार को वहां से गुजरना इतना भारी पड़ गया कि पुलिसकर्मियों का खामियाजा पिटकर भुगतना पड़ा।


सोमवार को अचल ताल से लोड होकर चले चावल माफिया के ई-रिक्शा को पुलिस ने चावलों सहित छर्रा अड्डापुल के ऊपर पकड़ लिया। जबकि चर्चा का विषय बना हुआ है कि पुलिस कर्मियों ने राशन माफिया कई क्विटंल सरकारी चावल के साथ पकड़ा गया बाद में लीपापोती करते हुए छोड़ दिया गया।

राशन माफिया ने पूछताछ में एक बड़े बैनर के पत्रकार पर शह देने की बात बताई है। आए दिन राशन का चावल तो सैकड़ों कुंटल पकड़ा जाता है, कार्रवाई भी होती है। लेकिन यह आता कहां से है। इसका पता नहीं चल पा रहा। जबकि कोटेदारों के यहां राशन वितरण कराने के लिए नोडल अधिकारी लगे हुए हैं। हर महीने ब्लॉक स्तरीय गोदाम का एसडीएम स्तर से स्टाक वेरीफाई कराया जाता है।

फिर भी राशन माफियाओं के सक्रियता से धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी को रोकने में आपूर्ति विभाग सहित पुलिस विभाग से चूक रह ही जा रही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि राशन माफिया को संरक्षण सफेदपोश व क्षेत्रीय कोटेदारों का भरपूर मिलता है। जबकि क्षेत्र में घटतौली की शिकायत पर हमेशा कोटेदार के ऊपर ही कार्यवाही की जाती रही है। आखिरकार सैकड़ों कुंतल माल हेरा फेरी हो रहा है।

सवाल उठता है कि कहां से आता सैकड़ो कुंतल राशन? स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पत्रकार सफेदपोश पर कार्रवाई करते हुए राशन माफियाओं पर भी कठोर नकेल लगनी चाहिए।

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