बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय

बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय

सीतापुर में बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय म हमूदाबाद , सीतापुर। उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर की तहसील महमूदाबाद के विकास खण्ड पहला क्षेत्र के अंतर्गत कई विद्यालय बिना मान्यता के चलाये जा रहे है।और जब विद्यालय में जाकर पढ़ने वाले छात्र – छात्राओं से उनकी कक्षा के विषय मे जानकारी

सीतापुर में बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय

बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय

  म हमूदाबाद , सीतापुर। उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर की तहसील महमूदाबाद के विकास खण्ड पहला क्षेत्र के अंतर्गत कई विद्यालय बिना मान्यता के चलाये जा रहे है।और जब विद्यालय में जाकर पढ़ने वाले छात्र – छात्राओं से उनकी कक्षा के विषय मे जानकारी प्राप्त करो तो पता चलता है कि कोई छात्र कक्षा नौ , दस , ग्यारह , बारह आदि बताते है  । फिर वही पर मौजूद विद्यालय के प्रधानाचार्य या प्रबंधक से उपरोक्त बच्चो के विषय मे जानकारी करो तो बताते है कि ये सभी बच्चे टीयूशन /कोचिंग पढ़ने आते है।  

फिर जब पूछो कि कोचिंग का या आपके विद्यालय का रजिस्ट्रेशन है।तो बताये है कि नही अभी फाइल पडी है। और जल्द ही मान्यता होने की प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। और  जहां पर केन्द्र की मोदी सरकार एवं सूबे की योगी सरकार देश के नौनिहालों को अच्छी शिक्षा देने के लिए काफी प्रयासरत हैं।वहीं पर कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं जो मानक विहीन बने संचालित है। और लगभग 12 वर्षों से एक विद्यालय में शिक्षण कार्य बखूबी से चल रहा है। जिसको आज तक मान्यता ही नहीं मिली है।विद्यालयों की मान्यता एवं मानक को लेकर सूबे की योगी सरकार काफी सजग दिख रही है। फिर भी जिला सीतापुर की ब्लाक पहला के अंतर्गत आने वाले ग्राम हरिहरपुर में शिक्षा को लेकर बहुत जबरदस्त तरीके से शिक्षा की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिससे सरकार के राजस्व का भी काफी नुकसान हो रहा है।

बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय

आपको बताते चलें कि जिला सीतापुर की ब्लाक पहला में उम्मा  बाल विद्या मंदिर हरिहरपुर पोस्ट खालगाँव विकास खण्ड पहला तहसील महमूदाबाद जिला सीतापुर के नाम से एक सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन लगभग 18 वर्ष पहले 29 अगस्त 2002 को कराया गया था। इसी रजिस्ट्रेशन से आज भी उपरोक्त विद्यालय का संचालन विद्यालय के प्रबंधक व प्रधानाचार्य के द्वारा किया जा रहा है। और अब सोचने वाली बात यह है कि बिना मान्यता एवं मानक विहीन विद्यालय के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई। ऐसे कई अन्य सवालिया निशान  शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर उठते नजर आ रहे हैं। और सीतापुर में शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारी से लेकर सीतापुर के शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों की नजर आज तक ऐसे विद्यालयों पर क्यों नहीं पड पा रही है। 

बिना मान्यता प्राप्त के कई चल रहे विद्यालय

इससे ऐसा  लग रहा है कि कही शिक्षा विभाग में भी तो नही भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसी के साथ आपको बता दें कि उपरोक्त जानकारी मीडिया टीम को उम्मा बाल विद्या मंदिर विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविंद प्रसाद ने दी है। उक्त प्रकरण के बारे में जब स्थानीय अधिकारी  से जानकारी प्राप्त की  गई । तो उन्होंने यह बताया कि विद्यालय की सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन है। और मान्यता के लिए फाइल भी आई है। अब देखना यह है कि इस मानक विहीन विद्यालय की मान्यता होती है। या नहीं। या फिर ऐसे ही विद्यालय में शिक्षण कार्य चलता रहेगा। और शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे विद्यालयों को ऐसे ही बिना मान्यता व बिना रजिस्ट्रेशन के चलवा कर शिक्षा विभाग की धज्जियां उड़वाते  रहेंगे क्या ।

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