माल थाने के गेट पर कूड़ेदान में जलता हुआ कूड़ा

माल थाने के गेट पर कूड़ेदान में जलता हुआ कूड़ा

माल /लखनऊ।भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाने में माहिर विकासखंड में तैनात सफाई कर्मियों द्वारा थाने के गेट पर रखें कूड़ेदान में पड़े कूड़े को जला दिया गया जिससे कूड़ेदान में पड़े कूड़े की जहरीली हवा से वातावरण भी दूषित हुआ। जबकि न्यायालय का आदेश है कि इस


 माल /लखनऊ।भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाने में माहिर विकासखंड में तैनात सफाई कर्मियों द्वारा थाने के गेट पर रखें कूड़ेदान में पड़े कूड़े को जला दिया गया जिससे कूड़ेदान में पड़े कूड़े की जहरीली हवा से वातावरण भी दूषित हुआ। जबकि न्यायालय का आदेश है कि इस प्रकार के कूड़े को खुले वातावरण व आवास के आसपास  न जलाया जाए। माल विकासखंड की 67 पंचायतों के लिए 84 सफाई कर्मचारियों की तैनाती है जिसमें लगभग आधा दर्जन सफाई कर्मी सहायक विकास अधिकारी पंचायत की सेवा में लगे रहते हैं जबकि 2 दर्जन सफाई कर्मी कभी भी अपनी ग्राम पंचायतों में जाते ही नहीं शेष बच्चे सफाई कर्मी ग्राम पंचायतों में लेबर लगाकर थोड़ा बहुत कार्य करवा देते हैं

ग्राम पंचायतों में कूड़ा डालने के लिए भारत सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की धनराशि ग्राम पंचायतों में वितरित की गई जिससे ग्राम पंचायतों कूड़ेदान को अपनी पंचायतों में रखवा सकें जिससे ग्रामीण कूड़े को कूड़ेदान में डाल सके जिसको पंचायतों में तैनात सफाई कर्मी कूड़े को एक अलग स्थान पर डालें।लेकिन माल विकासखंड की पंचायतों में तैनात सफाई कर्मी कूड़ा को डालने के बजाय उसी कूड़ेदान में जला रहे हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि दर्जनों पंचायतों में रखें कूड़ेदान अधिक से अधिक तो ग्रामीण अपने घरों में रख चुके हैं इस संबंध में ग्राम प्रधान से शिकायत करने पर भी प्रधान देखने की बात कहकर चुप्पी साध लेते हैं।

इतना ही नहीं कहीं-कहीं कूड़ेदान में महीनों से कूड़ेदान ही गंदगी से पटे पड़े हैं जिससे पास पड़ोस के ग्रामीणों को किसी भी समय कोई बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।जबकि इन सफाई कर्मचारियों द्वारा किसी भी पंचायत में कोई भी कूड़ेदान को साफ नहीं किया जाता है किसी भी पंचायत में किसी भी समय देखा जा सकता है। थाने के गेट के सामने जब कूड़ेदान में कूड़ा जला दिया गया।वहीं पंचायतों का क्या हाल होगा।

सूत्रों की मानें तो विभाग के जिम्मेदारों के रहमों करम पर इन सफाई कर्मचारियों के हौसले बुलंद होते देखे जा रहे हैं लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इन सफाई कर्मचारियों की ओर मुड़कर देखने फुर्सत नहीं हैऔर अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाए अपने व्यक्तिगत कार्यों में लगे रहते हैं। यह सब खेल ब्लॉक के एडीओ पंचायत से लेकर वीडियो माल तक जानने के बाद भी अंजान बने रहते हैं। आखिर कौन करेगा इन सफाई कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही।

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