
गंडक नदी का कहर अहिरौलीदान डीह टोला के ग्रामीण मकान तोड़ कर रहे पलायन
ब्यूरो रिपोर्ट-स्वतंत्र प्रभात से प्रमोद रौनियारकुशीनगर जिले में हर बरस गंडक नदी की कहर से लोग कराहते हैं जिनकी रखरखाव और सुरक्षा के बंदोबस्त के मद्देनजर सरकार भी सरकारी धन खर्च करने में भी पीछे नहीं हटती है क्यो कि कहीं कोई जान माल का खतरा ना होने पावे।ग्रामीण सुरक्षित रहें। मगर यह महज एक
ब्यूरो रिपोर्ट-स्वतंत्र प्रभात से प्रमोद रौनियार
कुशीनगर जिले में हर बरस गंडक नदी की कहर से लोग कराहते हैं जिनकी रखरखाव और सुरक्षा के बंदोबस्त के मद्देनजर सरकार भी सरकारी धन खर्च करने में भी पीछे नहीं हटती है क्यो कि कहीं कोई जान माल का खतरा ना होने पावे।ग्रामीण सुरक्षित रहें।

मगर यह महज एक दिखावा ही साबित होता है आज जो आलम बाढ़ में गिरे कुशीनगर जनपद के अहिरौली दान का डीह टोला का जो नजारा है वह उजाड़े जा रहे हैं मकान सरकारी ढोल का खोल पोल ही है।आज जीवन में तिनके तिनके की कमाई जुटाकर एक-एक ईट जोड़कर जो आशियाना बनाए थे। आज वही उस आशियाना पर हथोड़ा चलाने के लिए विवश है।

अब ग्रामीण जाएं तो जाएं कहां उनके लिए अब बचा वही है जो सरकार इस अंतिम पायदान में खड़े लोगों को खुले आसमान के तले बदन ढकने के लिए प्लास्टिक का छत नमक पानी मुहैया करवाने के सिवाय और सरकार के पास चारा ही अब क्या बचा है।
बताते चलें कि अहिरौली दान बांध के पूरब बसे गांव 2 वर्ष पूर्व कंचन टोला चीतू टोला के लगभग डेढ़ सौ की आबादी वाला गांव नदी में विलीन हो गया। वही बचा डीह टोला के लगभग 50 से 60 घर पर गंडक नदी का कहर टूट पड़ा है। जो ग्रामीण परिवार अपने ही बनाए घरों पर खुद हथोड़ा चला रहे हैं ताकि कहीं अन्यत्र उस ईट और उसके टुकड़े को सहारा बना सकेंगे।
वर्तमान में अहिरौलीदान के डीह टोला के सुरेंद्र यादव धीरेंद्र यादव केदार यादव नथुनी यादव राही लाल यादव अपनी बनी बनाई मकान को तोड़कर पलायन करने के लिए विवश हैं।
अहिरौली दान डीह टोला में तमकुही राज एसडीएम जेके फारुकी मौके
मोआइन में जुटे हुए हैं।
खबर यह भी है…
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