Haryana: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, NCR में अब केवल BS-6 बसें चलेंगी
यह निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के दिशानिर्देशों के अनुरूप लिया गया है। परिवहन विभाग जल्द ही इस बदलाव की आधिकारिक सूचना आयोग और राज्य सरकार को पत्र के माध्यम से देगा।
NCR में शामिल हरियाणा के 14 जिले
इस फैसले का असर हरियाणा के उन 14 जिलों पर पड़ेगा जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल हैं। इनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल शामिल हैं।
पुराने मॉडल की बसों को अब इन जिलों से हटाकर नॉन-एनसीआर क्षेत्रों में भेजा गया है, ताकि वहां परिवहन सेवाएं प्रभावित न हों।
प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में निर्णायक पहल
बीएस-6 मानक की बसें पुराने बीएस-4 या बीएस-3 मॉडल की बसों की तुलना में अधिक पर्यावरण-अनुकूल होती हैं। ये बसें कम उत्सर्जन, बेहतर ईंधन दक्षता और स्वच्छ ईंधन तकनीक से लैस होती हैं।
बीएस-6 बसों से नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और पार्टिकुलेट मैटर (PM) जैसे प्रदूषक तत्वों का उत्सर्जन लगभग 70-80% तक कम होता है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
नई तकनीक से लैस इंजन कम ईंधन में अधिक दूरी तय करते हैं, जिससे कार्बन फुटप्रिंट में कमी आती है और परिचालन लागत भी घटती है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बीते कुछ वर्षों में एनसीआर में पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। हरियाणा रोडवेज का यह निर्णय उसी नीति का हिस्सा है।
इस कदम से एक ओर जहां एनसीआर में प्रदूषण पर रोक लगेगी, वहीं दूसरी ओर जनता को स्वच्छ और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन का लाभ मिलेगा। पुराने वाहनों को नॉन-एनसीआर जिलों में स्थानांतरित कर यह सुनिश्चित किया गया है कि कहीं भी परिवहन सेवा ठप न पड़े।

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