निष्काम भाव से किया गया कर्म कई गुना फलदायी होता है- पंडित सुमंत कृष्ण शास्त्री

निष्काम भाव से किया गया कर्म कई गुना फलदायी होता है- पंडित सुमंत कृष्ण शास्त्री

जंगीगंज। डीघ ब्लॉक के जगापुर मिश्रान में आयोजित श्रीमदभागवत कथा ज्ञानयज्ञ के संगीतमय प्रवचन में सोमवार को कथावाचक पंडित सुमंत कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद भागवत कथा के महात्मय के बारे में बताया कि श्रीमदभागवत कथा अमर कथा है, जिसके श्रवण मात्र से जीव का इस लोक के साथ साथ पर लोक भी कल्याणकारी होता है, कहा कि सभी को कथा श्रीमदभागवत कथा श्रवण करने का सौभाग्य नहीं मिलता है, जिसपर भगवान की कृपा होती है वहीं यह कथा श्रवण कर पाता है।
 
कहा कि कथा श्रवण के दौरान तमाम नींद, आलस्य, जरूरी काम समेत तमाम विघ्न भी आते है लेकिन सच्चे भक्त के पास विघ्न भी नहीं टिक पाता है। कथा श्रवण करना बड़ी गंभीरता का विषय है। कथा का श्रवण नहीं बल्कि कथा रस का पान करना चाहिए। पंडित सुमंत कृष्ण शास्त्री ने कहा कि संसार माया से प्रभावित है, लेकिन जो मायापति भगवान विष्णु के शरण में होता है उसपर माया का असर नहीं होता है। कहा कि चार वेद और पुराण के रचयिता वेद व्यास भी शुकदेव की वजह से माया में आ गए। इसलिए कल्याण के लिए जीव को किसी भी चीज के अशक्ति में नहीं पड़ना चाहिए।
 
जीव को भगवान की भक्ति और भागवत प्राप्ति का लक्ष्य होना चाहिए। निष्काम कर्म ही मानव का सबसे बड़ा धर्म है। क्योंकि धर्म ही जीव की रक्षा करता है इसलिए मानव को अपने धर्म और कर्म को नहीं भूलना चाहिए। निष्काम भाव से किया गया कर्म कई गुना फलदायी होता है। सम्मान सभी का करें लेकिन इष्ट केवल एक ही होना चाहिए। देवी-देवता में भेदभाव करना बड़ा अपराध है। इस मौके पर मानिक चंद मिश्रा, इंद्रमणि मिश्रा, सुरेंद्र मिश्रा, विनोद मिश्रा, आलोक मिश्रा, प्रभा शंकर पाण्डेय, इन्द्र कुमार शुक्ला, गरुण पाण्डेय, मृत्युंजय शुक्ला, पन्नालाल मिश्रा श्याम नारायण पाण्डेय, हरिश्चन्द्र पाठक शरदेन्दु मिश्रा समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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