जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पीसीपीएनडीटी एक्ट की जिला सलाहकार समिति की बैठक संपन्न
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अमेठी। जिलाधिकारी संजय चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) एक्ट के अंतर्गत जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के विभिन्न अल्ट्रासाउंड केंद्रों से प्राप्त पंजीकरण, नवीनीकरण, चिकित्सक परिवर्तन, पंजीकरण निरस्तीकरण, स्थान परिवर्तन एवं मशीन अपडेशन से संबंधित कुल 22 प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के दौरान हुई चर्चा में 19 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई, जबकि 3 प्रस्ताव निरस्त कर दिए गए।
इसके अतिरिक्त पंजीकरण, नवीनीकरण, चिकित्सक परिवर्तन एवं स्थान परिवर्तन से जुड़े 7 नए प्रस्तावों पर विचार किया गया, जिनमें से 6 प्रस्ताव स्वीकृत हुए तथा 1 प्रस्ताव में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण संचालक को एक अवसर और देते हुए अगली बैठक में डॉक्टर सहित उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्व में 04 केंद्र सील किए गए थे, जिन पर आज सुनवाई की गई। इनमें से 01 केंद्र को स्वीकृति दी गई, जबकि शेष 03 केंद्रों के चिकित्सक उपस्थित न होने के कारण उन्हें एक अंतिम अवसर देते हुए अगली बैठक में चिकित्सक सहित उपस्थित होने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों को निर्देशित किया कि प्रत्येक केंद्र पर एक सूचना बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जाए, जिसमें डॉक्टर का नाम, योग्यता, फोटो, जांच का विवरण, रजिस्ट्रेशन नंबर, वैधता अवधि एवं बैठने का समय स्पष्ट रूप से अंकित हो।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल, शौचालय तथा मरीजों के बैठने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि केंद्र संचालक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस डॉक्टर द्वारा जिस प्रकार की जांच के लिए सहमति दी गई है, उसी तक सीमित रहें। यदि किसी केंद्र पर स्वीकृत जांच से अतिरिक्त जांच की जाती है, तो संबंधित संचालक एवं चिकित्सक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि संबंधित चिकित्सक अपने निर्धारित समय पर केंद्र पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, ताकि जांच प्रक्रिया पारदर्शी और नियमानुसार संचालित की जा सके। जिलाधिकारी ने सभी केंद्र संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि पुराने पंजीकरण की अवधि समाप्त होने से कम-से-कम तीन माह पूर्व नए पंजीकरण के लिए आवेदन अवश्य करें, ताकि केंद्र संचालन में कोई व्यवधान न आए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रजिस्ट्रेशन समाप्त होने के उपरांत कोई भी केंद्र संचालित नहीं होना चाहिए, अन्यथा संबंधित संचालक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अर्पित गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामप्रसाद, सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं समिति सदस्य उपस्थित रहे।
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