Success Story: बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी से बनी IAS अफसर, जाने UPSC टॉपर श्रद्धा की कहानी
Success Story: मेहनत करने वाले कभी भी असफल नहीं होते है, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। आज हम जिनकी बात करने जा रहें है उन्होंने बिना कोचिंग अपनी सेल्फ स्टडी के दम पर UPSC टॉप किया और एक IAS अफसर बन गई, ये और कोई नहीं छत्तीसगढ़ की श्रद्धा शुक्ला (Shradha Shukla) है।
जानकारी के मुताबिक, एक इंटरव्यू में श्रद्धा शुक्ला बताती हैं कि उनका जन्म रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुआ। उनकी 12वीं तक की पढ़ाई MGM हायर सेकेंडरी स्कूल, रायपुर से पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने DB गर्ल्स पीजी कॉलेज से BSc की डिग्री कंप्लीट की। कॉलेज के बाद ही उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की। श्रद्धा ने घर पर रहकर सेल्फ-स्टडी से तैयारी करने का फैसला किया और घंटों पढ़ाई कर आगे बढती रहीं। Success Story of IAS Shradha Shukla

असफलता ने बढ़ाया
मिली जानकारी के अनुसार, श्रद्धा का UPSC का सफर आसान नहीं रहा और वह अपने पहले प्रयास में असफल हो गईं। जानकारी के मुताबिक, दूसरे प्रयास में भी उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन इस दौरान उन्हें डाक और दूरसंचार विभाग में गवर्मेंट जाॅब मिल गई लेकिन श्रद्धा ने का सपना यूपीएससी क्लियर करना ही था। Success Story of IAS Shradha Shukla
यादगार पल
जानकारी के मुताबिक, तीसरे प्रयास में श्रद्धा ने पूरी मेहनत और फोकस के साथ UPSC परीक्षा दी और 2021 में ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल कर ली। श्रद्धा का इंटरव्यू भी औरों से काफी अलग रहा। जब उनसे उनके स्टेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने छत्तीसगढ़ का राज्यगीत “अरपा पैरी के धार” गाकर सुनाया। इस अनोखे जवाब ने इंटरव्यू में गहरी छाप छोड़ी। Success Story of IAS Shradha Shukla

मिली प्रेरणा
मिली जानकारी के अनुसार, श्रद्धा के पिता सुशील आनंद शुक्ला, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कम्युनिकेशन हेड हैं और उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे। जानकारी के मुताबिक, तैयारी के दौरान जब भी श्रद्धा को किसी सब्जेक्ट में परेशानी आती तो वह अपने पिता से हेल्प लेती थीं। परिवार के सहयोग और सकारात्मक माहौल ने उन्हें आगे बढ़ाया। Success Story of IAS Shradha Shukla
सफलता से सीख
श्रद्धा शुक्ला की कहानी यह सिखाती है कि सफलता पाने के लिए कोचिंग नहीं बल्कि निरंतरता और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। कम खर्च और सीमित संसाधनों के साथ भी UPSC में सफलता हासिल की जा सकती है। श्रद्धा सिर्फ IAS अधिकारी नहीं बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

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